श्रीनगर। नोटबंदी के बाद से ही घाटी में आतंकियों की कमर टूट गई है। ऑपरेशन को अंजाम देने के लिए आतंकी आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं।
ऐसे चक्कर में आतंकी बैंक लूटने की कोशिश कर रहा है। मगर इसमें भी उन्हें कामयाबी नहीं मिल रही है, क्योंकि आतंकियों को स्थानीय लोगों का साथ नहीं मिल रहा है।
कश्मीर में आतंक का नया चेहरा कहे जाने वाले और अलकायदा के संगठन अंसार उल गजवा ए हिद के कमांडर जाकिर मूसा को सोमवार को उसके ही गांव के लोगों के प्रतिरोध व पथराव के कारण साथी आतंकियों सहित भागना पड़ा।
एसपी अवंतीपोर मोहम्मद जैद ने बताया कि दक्षिण कश्मीर के नूरपोरा (त्राल) का रहने वाला जाकिर मूसा दोपहर करीब सवा दो बजे हथियारों के साथ दो अन्य साथियों सहित अपने ही गांव में जम्मू कश्मीर बैंक की शाखा लूटने आया था। उसने बैंक में मौजूद लोगों व सुरक्षाकर्मी को धमकाते हुए एक तरफ खड़ा किया। इसकी जानकारी मिलते ही बैंक के बाहर लोग जमा हो गए। उन्होंने आतंकियों पर पथराव शुरू कर दिया।
इससे मूसा व उसके साथ घबरा गए। आनन-फानन आतंकी वहां कैश काउंटर पर पड़े 97,256 रुपये उठाकर फरार हो गए। मूसा व उसके साथियों ने पथराव कर रहे लोगों को खदेड़ने के लिए हवा में चार से पांच राउंड फायर भी किए।
एसपी ने बताया कि बैंक लूट की सूचना मिलते ही राज्य पुलिस विशेष अभियान दल के जवान, सीआरपीएफ और सेना की आरआर के जवान भी मौके पर पहुंच गए।
हालात का जायजा लेने और मौके पर मौजूद लोगों से बातचीत के आधार पर आतंकियों के बारे में कुछ सुराग जमा करते हुए उन्हें पकड़ने के लिए अभियान चलाया गया है। उन्होंने बताया कि मूसा के त्राल में ही किसी जगह छिपे होने की आशंका है। फिलहाल, उसके ठिकानों पर लगातार दबिश दी जा रही है।