बाबरी विध्वंस केस से बरी होने पर लालकृष्ण आडवाणी को बधाइयों का तांता, कानून मंत्री रविशंकर पहुंचे घर

asiakhabar.com | September 30, 2020 | 5:43 pm IST

विनय गुप्ता

नई दिल्ली। बाबरी विध्वंस केस में बीजेपी के वयोवृद्ध नेता लालकृष्ण आडवाणी समेत
तमाम 32 आरोपियों को अदालत से बाइज्जत बरी कर दिया गया। इस फैसले के बाद बीजेपी में खुशी की लहर
दौड़ गई है। बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अपने बुजुर्ग नेता को बधाई दी है।
वहीं, कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद आडवाणी के घर पहुंचे हैं। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इसे देर से ही सही पर
न्याय की जीत बताई है।
राजनाथ ने कहा, देर से सही पर न्याय की जीत

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सभी 32 आरोपियों को बरी किए जाने पर खुशी जताते हुए इसे न्याय की जीत बताया।
राजनाथ ने ट्वीट कर कहा, 'लखनऊ की विशेष अदालत से बरी किए गए बाबरी मस्जिद विध्वंस केस में लालकृष्ण
आडवाणी, कल्याण सिंह, डॉ. मुरली मनोहर जोशी, उमाजी समेत 32 लोगों के किसी भी षड्यंत्र में शामिल न होने
के निर्णय का मैं स्वागत करता हूं। इस निर्णय से यह साबित हुआ है कि देर से ही सही मगर न्याय की जीत हुई
है।'
आडवाणी ने कहा, 'जय श्रीराम'
अदालत का फैसला आते ही मीडिया का एक हुजूम आडवाणी के घर भी पहुंच गया। आडवाणी ने उनसे बातचीत में
कहा कि उन्हें इस फैसले से बहुत खुशी है। आडवाणी ने कहा कि बहुत समय बाद एक खुशखबरी मिली है। उन्होंने
फैसले पर खुशी जताते हुए जय श्रीराम का नारा भी लगाया। आडवाणी ने कहा, 'इस अवसर पर कहूंगा जय
श्रीराम।' आडवाणी जब मीडिया से बात करने घर से बाहर निकले तो उनकी बेटी प्रतिभा आडवाणी समेत परिवार के
अन्य सदस्य भी मौजूद रहे।
जोशी ने कहा- …सबको सम्मति दे भगवान
उधर, बीजेपी के एक और वयोवृद्ध नेता मुरली मनोहर जोशी ने लखनऊ स्थित अपने आवास में मीडिया से
बातचीत में कहा कि राम मंदिर का आंदोलन देश की अस्मिता से जुड़ा था। उन्होंने आज के फैसले का श्रेय वकीलों
की कड़ी मेहनत को दिया। उन्होंने कहा, 'राम मंदिर का निर्माण देश के एक महत्वपूर्ण आंदोलन के रूप में सामने
आया था। इसका उद्देश्य देश में एक अपनी अस्मिता को और देश की मर्यादाओं को सामने रखने का था और वह
आज पूरा होने जा रहा है। राम मंदिर का निर्माण भी होने जा रहा है।' उन्होंने आगे कहा, 'इस अवसर पर तो मैं
यही कहूंगा- जय जय सियाराम, सबको सम्मति दे भगवान।'
28 साल बाद आया अदालत का फैसला
लखनऊ की सीबीआई अदालत ने आज फैसला सुनाते हुए कहा कि 6 दिसंबर, 1992 की घटना के पीछे कोई
साजिश नहीं थी। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश एस के यादव ने फैसला सुनाते हुए कहा, 'घटना
पूर्वनियोजित नहीं थी।' सीबीआई ने जो वीडियो दाखिल की थी, उसे कोर्ट ने टैंपर्ड माना। कोर्ट ने कहा कि वीडियो
को सीलबंद लिफाफे में नहीं जमा किया गया था।
अदालत से बाइज्जत बरी हुए ये 32 आरोपी
आज लखनऊ स्थित सीबीआई की विशेष अदालत ने जिन 32 आरोपियों को बरी किया गया, उनमें लालकृष्ण
आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, महंत नृत्य गोपाल दास, कल्याण सिंह, उमा भारती, विनय कटियार, साध्वी
ऋतंभरा, रामविलास वेदांती, धरम दास, सतीश प्रधान, चंपत राय, पवन कुमार पांडेय, ब्रज भूषण सिंह, जय
भगवान गोयल, महाराज स्वामी साक्षी, रामचंद्र खत्री, अमन नाथ गोयल, संतोष दुबे, प्रकाश शर्मा, जयभान सिंह
पवेया, विनय कुमार राय, लल्लू सिंह, ओमप्रकाश पांडेय, कमलेश त्रिपाठी उर्फ सती दुबे, गांधी यादव, धर्मेंद्र सिंह

गुर्जर, रामजी गुप्ता, विजय बहादुर सिंह, नवीन भाई शुक्ला, आचार्य धर्मेंद्र देव, सुधीर कक्कड़और रविंद्र नाथ
श्रीवास्तव शामिल हैं।


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