नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को अपने ऑस्ट्रेलियाई समकक्ष एंथनी अल्बनीज के साथ व्यापार और निवेश, रक्षा और महत्वपूर्ण खनिजों के क्षेत्रों में समग्र द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित करने के साथ व्यापक वार्ता की।
ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री अहमदाबाद और मुंबई में अपने कार्यक्रमों के समापन के बाद बृहस्पतिवार शाम को दिल्ली पहुंचे।
अल्बनीज ने आज सुबह राष्ट्रपति भवन में औपचारिक स्वागत किए जाने के बाद कहा, ‘‘ऑस्ट्रेलिया और भारत अच्छे दोस्त हैं। हम साझेदार हैं और हम हर दिन इस साझेदारी को और मजबूत बना रहे हैं।’’
ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री ने कहा कि कैनबरा संस्कृति, आर्थिक संबंधों के साथ-साथ सुरक्षा के क्षेत्रों में मजबूत संबंध बनाने के लिए भारत के साथ सहयोग करना चाहता है।
उन्होंने कहा, ‘‘हम क्रिकेट के मैदान पर दुनिया के सर्वश्रेष्ठ बनने के लिए प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं लेकिन साथ मिलकर हम एक बेहतर दुनिया का निर्माण भी कर रहे हैं।’’
अपनी भारत यात्रा से कुछ दिन पहले अल्बनीज ने कहा था कि मजबूत भारत-ऑस्ट्रेलिया साझेदारी क्षेत्रीय स्थिरता के लिए अच्छी है और इसका मतलब अधिक व्यापार और निवेश भी है।
पिछले साल मई में प्रधानमंत्री बनने के बाद यह उनकी पहली भारत यात्रा है। इससे पहले 2017 में किसी ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री ने भारत का दौरा किया था।
अल्बनीज की यात्रा 2022 और 2023 में दोनों पक्षों के बीच उच्च स्तरीय वार्ताओं और मंत्रिस्तरीय यात्राओं के आदान-प्रदान के बाद हो रही है।
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने 18 फरवरी को ऑस्ट्रेलिया की यात्रा की थी जबकि उनके समकक्ष पेनी वोंग ने 28 फरवरी से तीन मार्च तक नई दिल्ली का दौरा किया था।
गौरतलब है कि भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच द्विपक्षीय आर्थिक संबंध प्रगाढ़ हो रहे हैं। आर्थिक सहयोग व्यापार समझौता (ईसीटीए) दिसंबर 2022 से लागू हो गया है।
यह एक दशक में किसी भी विकसित देश के साथ भारत द्वारा हस्ताक्षरित पहला मुक्त व्यापार समझौता है।
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, ऑस्ट्रेलिया, भारत का 17वां सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है और भारत, ऑस्ट्रेलिया का नौवां सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है।
ईसीटीए के साथ, द्विपक्षीय व्यापार पांच वर्षों में लगभग 50 अरब अमरीकी डॉलर तक पहुंचने की संभावना है।
भारत, ऑस्ट्रेलिया में कुशल अप्रवासियों के शीर्ष स्रोतों में से एक है। ऑस्ट्रेलिया में भारतीय समुदाय की संख्या बढ़ रही है और उनका महत्व भी लगातार बढ़ रहा है। शिक्षा के क्षेत्र में सहयोग भी आगे बढ़ रहा है।
दोनों पक्षों ने शैक्षिक योग्यता की परस्पर मान्यता के लिए दो मार्च को एक तंत्र तैयार किया था।
इससे भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच छात्रों के आवागमन की सुविधा में इजाफा होने की उम्मीद है।