विनय गुप्ता
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी गुरूवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से
‘पारदर्शी कराधान – ईमानदार का सम्मान’ के लिए प्लेटफॉर्म लॉन्च करेंगे।
आधिकारिक जानकारी के अनुसार प्रधानमंत्री ‘पारदर्शी कराधान – ईमानदार का सम्मान’ के लिए जो
प्लेटफॉर्म लॉन्च करेंगे वह प्रत्यक्ष कर सुधारों को और आगे ले जाने में मददगार होगा। आयकर विभाग
के अधिकारियों एवं पदाधिकारियों के अलावा विभिन्न वाणिज्य मंडलों, व्यापार संघों एवं चार्टर्ड एकाउंटेंट
संघों के साथ-साथ प्रमुख करदाता भी इस कार्यक्रम के साक्षी होंगे। वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री निर्मला
सीतारमण और वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य राज्य मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर भी इस अवसर पर उपस्थित
रहेंगे।
केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने हाल के वर्षों में प्रत्यक्ष करों में कई प्रमुख कर सुधार लागू किए
हैं। पिछले वर्ष कॉरपोरेट कर की दर को 30 प्रतिशत से घटाकर 22 प्रतिशत कर दिया गया एवं नई
विनिर्माण इकाइयों के लिए इस दर को और भी अधिक घटाकर 15 प्रतिशत कर दिया गया। ‘लाभांश
वितरण कर’ को भी हटा दिया गया।
कर सुधारों के तहत कर की दरों में कमी करने और प्रत्यक्ष कर कानूनों के सरलीकरण पर फोकस रहा
है। आयकर विभाग के कामकाज में दक्षता और पारदर्शिता लाने के लिए सीबीडीटी द्वारा कई पहल की
गई हैं। हाल ही में शुरू की गई ‘दस्तावेज पहचान संख्या (डिन) ’ के जरिए आधिकारिक संचार में अधिक
पारदर्शिता लाना भी इन पहलों में शामिल है जिसके तहत विभाग के हर संचार या पत्र-व्यवहार पर
कंप्यूटर सृजित एक अनूठी दस्तावेज पहचान संख्या अंकित होती है। इसी तरह करदाताओं के लिए
अनुपालन को ज्यादा आसान करने के लिए आयकर विभाग अब ‘पहले से ही भरे हुए आयकर रिटर्न
फॉर्म’ प्रस्तुत करने लगा है, ताकि व्यक्तिगत करदाताओं के लिए अनुपालन को और भी अधिक
सुविधाजनक बनाया जा सके। इसी तरह स्टार्ट-अप के लिए भी अनुपालन मानदंडों को सरल बना दिया
गया है।
लंबित कर विवादों का समाधान प्रदान करने के उद्देश्य से आयकर विभाग ने प्रत्यक्ष कर ‘विवाद से
विश्वास 2020’ भी लेकर आया है जिसके तहत वर्तमान में विवादों को निपटाने के लिए घोषणाएं दाखिल
की जा रही हैं। करदाताओं की शिकायतों/मुकदमों में प्रभावकारी रूप से कमी सुनिश्चित करने के लिए
विभिन्न अपीलीय न्यायालयों में विभागीय अपील दाखिल करने के लिए आरंभिक मौद्रिक सीमाएं बढ़ा दी
गई हैं। डिजिटल लेन-देन और भुगतान के इलेक्ट्रॉनिक मोड या तरीकों को बढ़ावा देने के लिए भी कई
उपाय किए गए हैं। आयकर विभाग इन पहलों को आगे ले जाने के लिए प्रतिबद्ध है। यही नहीं, विभाग
ने ‘कोविड काल’ में करदाताओं के लिए अनुपालन को आसान बनाने के लिए भी अनेक तरह के प्रयास
किए हैं जिनके तहत रिटर्न दाखिल करने के लिए वैधानिक समयसीमा बढ़ा दी गई है और करदाताओं के
हाथों में तरलता या नकदी प्रवाह बढ़ाने के लिए तेजी से रिफंड जारी किए गए हैं।