विनय गुप्ता
इम्फाल/नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए
मणिपुर जलापूर्ति परियोजना की आधारशिला रखी। इस परियोजना के तहत मणिपुर के 16 जिलों के 2,80,756
परिवारों के घर तक जल पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है। प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी किए गए एक बयान
के मुताबिक मणिपुर की राज्यपाल नजमा हेपतुल्ला एवं मुख्यमंत्री एन बिरेन सिंह और केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने
हिस्सा लिया।
महामारी के कहर का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा, आज का ये कार्यक्रम, इस बात का उदाहरण है कि
कोरोना के इस संकट काल में भी देश रुका नहीं है, देश थमा नहीं है। जब तक वैक्सीन नहीं आती, तबतक हमें
कोरोना के खिलाफ मजबूती से लड़ते रहना है वहीं विकास के कार्यों को भी पूरी ताकत से आगे बढ़ाना है। इस बार
पूर्वी और उत्तर पूर्वी भारत को एक तरह से दोहरी चुनौतियों से निपटना पड़ रहा है। नार्थईस्ट में फिर इस साल
भारी बारिश से बहुत नुकसान हो रहा है। अनेक लोगों की मौत हुई है, अनेक लोगों को अपना घर छोड़ना पड़ा है।
कार्यक्रम के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि पूर्वोत्तर भारत हिंदुस्तान की प्राकृतिक विरासत की सुंदरता का
प्रतिरूप है। इस स्थिति में अगर इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ मजबूत किए जाएं तो पर्यटन को भी विस्तार मिलता है।
पूर्वोत्तर में पर्यटन की संभावना को अभी उतना एक्सप्लोर नहीं किया गया है। पीएम ने आगे कहा कि देश की
समृद्धि और विकास दोनों ही कनेक्टिविटी से जुड़े हैं। हमारे लिए पूर्वोत्तर की कनेक्टिविटी इसलिए भी जरूरी है
क्योंकि इससे ना सिर्फ ईज ऑफ लिविंग बल्कि सुरक्षित और आत्मनिर्भर भारत का स्वप्न भी साकार हो सकता है।
मणिपुर के करीब 25 लाख लोगों को मिला मुफ्त अनाज
पीएम मोदी ने कहा, मणिपुर में कोरोना संक्रमण की गति और दायरे को नियंत्रित करने के लिए राज्य सरकार दिन
रात जुटी हुई है। लॉकडाउन के दौरान मणिपुर के लोगों के लिए जरूरी इंतज़ाम हों, या फिर उनको वापस लाने के
लिए विशेष प्रबंध, राज्य सरकार ने हर जरूरी कदम उठाए हैं। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत
मणिपुर के करीब 25 लाख गरीब भाई-बहनों को मुफ्त अनाज मिला है। इसी तरह डेढ़ लाख से अधिक बहनों को
उज्जवला योजना के तहत मुफ्त गैस सिलेंडर की सुविधा दी गई है।
नॉर्थ ईस्ट में देश के विकास का ग्रोथ इंजन बनने की क्षमता
पीएम ने कहा, नॉर्थ ईस्ट में देश के विकास का ग्रोथ इंजन बनने की क्षमता है। दिनों-दिन मेरा ये विश्वास इसलिए
गहरा हो रहा है क्योंकि अब पूरे नॉर्थ ईस्ट में शांति की स्थापना हो रही है। एक तरफ जहां मणिपुर में ब्लॉकेड
इतिहास का हिस्सा बन चुके हैं, वहीं असम में दशकों से चला आ रहा हिंसा का दौर थम गया है। त्रिपुरा और
मिज़ोरम में भी युवाओं ने हिंसा के रास्ते का त्याग किया है। अब ब्रू-रियांग शरणार्थी एक बेहतर जीवन की ओर बढ़
रहे हैं।
पीएम के द्वारा शुरू कराई गई मणिपुर जलापूर्ति परियोजना कुछ इस तरह से तैयार की गई है जिससे कि ग्रेटर
इम्फाल योजना क्षेत्र, 25 कस्बों और 1731 ग्रामीण बस्तियों के शेष बचे परिवारों को ताजा जल के घरेलू नल
कनेक्शन (एफएचटीसी) मुहैया कराए जा सकें। बयान में कहा गया,'इस तरह से यह परियोजना मणिपुर के 16
जिलों के 2,80,756 परिवारों को कवर कर लेगी।’ भारत में लगभग 19 करोड़ परिवार हैं। इनमें से केवल 24
फीसद के पास ही एफएचटीसी हैं। मिशन का उद्देश्य राज्य सरकारों, पंचायती राज संस्थानों और स्थानीय समुदायों
सहित सभी हितधारकों की साझेदारी के जरिए 14,33,21,049 परिवारों को एफएचटीसी मुहैया कराना है।
'जल जीवन मिशन' के तहत मिली धनराशि
प्रधानमंत्री कार्यालय ने बताया कि मणिपुर जलापूर्ति परियोजना वर्ष 2024 तक 'हर घर जल' के लक्ष्य को प्राप्त
करने के लिए राज्य सरकार के ठोस प्रयासों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। केंद्र सरकार ने 1,42,749 परिवारों
वाली 1,185 बस्तियों को कवर करने के उद्देश्य से एफएचटीसी के लिए मणिपुर को 'जल जीवन मिशन' के
तहत धनराशि उपलब्ध कराई है।
2024 तक सभी को पर्याप्त मात्रा में पेयजल उपलब्ध कराने का लक्ष्य
मणिपुर सरकार ने पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास विभाग से प्राप्त धनराशि सहित वित्त पोषण के अतिरिक्त स्रोतों के
जरिए शेष परिवारों को कवर करने की योजना बनाई है। भारत सरकार ने 'हर घर जल' के मूल मंत्र के साथ वर्ष
2024 तक देश के प्रत्येक ग्रामीण परिवार को सुरक्षित और पर्याप्त मात्रा में पेयजल उपलब्ध कराने के लिए 'जल
जीवन मिशन' की शुरुआत की है।
जानिए पीएम मोदी के संबोधन की मुख्य बातें-
1. ये प्रोजेक्ट आज की ही नहीं बल्कि अगले 20-22 साल तक की ज़रूरतों को ध्यान में रखते हुए डिजाइन किया
गया है। इस प्रोजेक्ट से लाखों लोगों को घर में पीने का साफ पानी तो उपलब्ध होगा ही, हज़ारों लोगों को रोज़गार
भी मिलेगा।
2. पिछले वर्ष जब देश में जल जीवन मिशन की शुरुआत हो रही थी, तब मैंने कहा था कि हमें पहले की सरकारों
के मुकाबले कई गुना तेजी से काम करना है। जब 15 करोड़ से ज्यादा घरों में पाइप से पानी पहुंचाना हो, तो एक
पल के लिए भी रुकने के बारे में सोचा नहीं जा सकता।
3. इज ऑफ लिविंग, बेहतर जीवन की एक ज़रूरी शर्त है। पैसा कम-ज्यादा हो सकता है, लेकिन इज ऑफ
लिविंग पर सबका हक है, हर गरीब का हक है। इसलिए बीते 6 वर्षों में भारत में इज ऑफ लिविंग का भी एक
बहुत बड़ा आंदोलन चल रहा है।
4. भारत अपने नागरिकों को जीवन की हर जरूरी सुविधाएं देने का प्रयास कर रहा है। बीते 6 साल में हर स्तर
पर, हर क्षेत्र में वो कदम उठाए गए हैं, जो गरीब को, सामान्य जन को आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित कर सकें।
आज मणिपुर सहित पूरा भारत खुले में शौच से मुक्त है।
5. आज गरीब से गरीब के किचन तक एलपीजी गैस पहुंच चुकी है। हर गांव को अच्छी सड़क से जोड़ा जा रहा है।
हर गरीब बेघर को रहने के लिए अच्छे घर उपलब्ध कराए जा रहे हैं।
6. हमारा ये नार्थईस्ट, एक प्रकार से पूर्वी एशिया के साथ हमारे प्राचीन सांस्कृतिक रिश्तों और भविष्य के ट्रेड,
ट्रेवल और टूरिज्म के रिश्तों का गेटवे है। इसीलिए मणिपुर सहित पूरे नार्थईस्ट में कनेक्टिविटी से जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर
पर निरंतर बल दिया जा रहा है।
7. नॉर्थ ईस्ट भारत की नेचुरल और कल्चरल डाइवर्सिटी का, कल्चरल स्ट्रेंग्थ का एक बहुत बड़ा प्रतीक है। भारत
की आन, बान और शान है।