धर्मशाला। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साफ संकेत दिए हैं कि भ्रष्टाचार के खिलाफ मुहिम में अब बेनामी संपत्ति के खिलाफ बड़ी कार्रवाई होगी। हिमाचल प्रदेश में मंडी जिले के सुंदरनगर और कांगड़ा जिले के रैत की चुनावी सभाओं में उन्होंने भ्रष्टाचार, कालाधन व बेनामी संपत्ति के संदर्भ में कांग्रेस पर तीखा हमला बोला। कहा, कांग्रेस नेताओं को बेनामी संपत्ति छिनने का डर सता रहा है।
आठ नवंबर को कांग्रेसी छाती पीटेंगे, जबकि सरकार बेनामी संपत्ति को लेकर कार्रवाई करेगी। कांग्रेस के लोगों द्वारा रिश्तेदारों, चालकों व नौकरों के नाम पर बनाई करोड़ो की संपत्ति सरकार वापस लेगी और उसे गरीबों में बांटा जाएगा। कांग्रेस के प्रस्तावित ‘काले दिवस’ पर तंज करते हुए कहा कि गरीबों का लूटा हुआ पैसा वापस करने पर कांग्रेस के नेताओं को पीड़ा हो रही है, इसलिए आठ नवंबर को छाती पीटने व घड़याली आंसू बहाने का कार्यक्रम रखा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि वह सरदार पटेल के शिष्य हैं, इसलिए अपने पुतले जलाए जाने से डरने वाले नहीं।
विकास पर बयानबाजी कर रहे राहुल : शाह
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी को खुली चुनौती देते हुए कहा है कि आप कोई जिला या सीट चुनकर विकास के मामले में गुजरात से तुलना करा लीजिए। विधानसभा चुनाव के प्रथम चरण की 89 सीट वाले 36 शहरों की यात्रा पर निकले शाह ने कच्छ में पत्रकार वार्ता के दौरान कहा कि राहुल गांधी गुजरात के विकास को लेकर बयानबाजी कर रहे हैं। शाह ने पांच सवाल भी राहुल से पूछे। नर्मदा योजना को मंजूरी देने में देरी क्यों हुई? नर्मदा बांध के दरवाजे बंद करने की मंजूरी में देरी क्यों हुई? कच्छ के रण, गांधीनगर को केंद्रीय अनुदान क्यों नहीं मिला? गुजरात को क्रूड ऑयल का अनुदान देने में अन्याय क्यों किया गया?
राहुल को जीएसटी की समझ नहीं- जेटली
केंद्रीय वित्त मंत्री अरण जेटली ने कहा है कि कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी को जीएसटी की समझ नहीं है। कांग्रेस शासित राज्यों के वित्त मंत्री एक-एक बिंदु से सहमत हुए। उसके बाद यह लागू हुआ। यहां पत्रकार वार्ता में कहा कि कांग्रेस गुजरात में विकास का मजाक उ़़डा रही है। उधर, सूरत में राजद्रोह मामले में हाजिरी लगाने पाटीदार नेता हार्दिक पटेल ने कहा है कि चुनाव के समय उनकी नकली सेक्स सीडी सामने आ जाए तो हैरत की बात नहीं।
विकास और हिंदुत्व पर भारी पड रहा जातिवाद –
गुजरात की सड़कों पर घूमते हुए आप बड़े-बड़े होर्डिग देख सकते हैं, जिन पर नरेंद्र मोदी और अमित शाह की फोटो के साथ लिखा हुआ है, ‘मैं विकास हूं, मैं गुजरात हूं।’ इससे साफ है कि इस चुनाव में भाजपा का मुख्य एजेंडा विकास है। लेकिन, जमीन पर अब जातिवाद का मुद्दा पनपने लगा है। 1985 के बाद पहली बार कांग्रेस विकास और हिंदुत्व जैसे मुद्दों पर जातिवाद के जरिये हावी होने की कोशिश कर रही है। 1985 में माधवसिंह सोलंकी ने ‘खाम’ के जरिये कांग्रेस को जो जीत दिलाई थी, वह किसी भी पार्टी के लिए गुजरात में अब तक की सबसे बडी जीत थी।
खाम यानी ‘के’ से क्षत्रिय,’एच’ से दलित, ‘ए’ से आदिवासी और ‘एम’ से मुस्लिम। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी अपनी हर सभा में गुजरात की जातियों का मुद्दा उठा रहे हैं। गुजरात के युवाओं में इस बार जातीय स्वाभिमान उछालें मार रहा है। कोई पटेलों के हक की बात करता मिल रहा है, तो किसी की बातों में राजपूताना ठसक झलकती है। गुजरात में राजपूतों का वोट शेयर पांच फीसदी है। पाटीदार समुदाय जरूर इस बार आर-पार की मुद्रा में है।