केदारनाथ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी छह महीने में दूसरी बार केदारनाथ धाम में पहुंचे हैं। केदारनाथ में पूजा-अर्चना के बाद प्रधानमंत्री जनसभा को संबोधित किया। उन्होंने अपने भाषण की शुरुआत जय-जय केदार के उद्घोष से की।
प्रधानमंत्री मोदी ने मंदिर मार्ग के चौड़ीकरण, आदि शंकराचार्य संग्रहालय समेत 5 योजनाओं का शिलान्यास किया। उन्होंने कहा कि आज फिर एक बार यहां से संकल्पबद्ध होकर, नई ऊर्जा को प्राप्त कर पूर्ण पवित्र मन से संकल्प के प्रति हिंदुस्तानियों में चेतना जगाने की भगवान शिव से प्रार्थना करता हूं।
मोदी ने कहा कि केदारनाथ के पुर्निर्माण का शिलान्यास करना मेरा सौभाग्य है। मोदी ने कहा कि आज यहां से नई ऊर्जा लेकर 2022 में न्यू इंडिया के लक्ष्य को आगे बढ़ाएंगे। मोदी ने कहा कि 2013 में जब यहां पर आपदा आई थी तब मैं गुजरात का मुख्यमंत्री था और यहां के पुनर्निर्माण करने की अपील की थी।
तब यहां के मुख्यमंत्री ने बैठक में हां कर दी थी, लेकिन थोड़ी देर में दिल्ली की राजनीति में तूफान आ गया था। और दिल्ली के दबाव के कारण उत्तराखंड सरकार ने गुजरात की मदद लेने से मना कर दिया।
पीएम ने बताया कि हमने जिन 5 परियोजनाओं का शिलान्यास आज किया है। उनके तहत घाटों को सुधारा जाएगा, सड़क का चौड़ीकरण किया जाएगा। भव्य और दिव्य वातावरण का निर्माण होगा, पुजारियों के लिए थ्री इन वन घर बनेगा।
पीएम ने कहा कि गौरीकुंड से केदारनाथ धाम के पैदल ट्रैक को चौड़ा करने का काम भी सरकार करेगी। पीएम ने बताया कि इन योजनाओं के तहत मंदाकिनी और सरस्वती नदी के तट पर घाट बनाए जाएंगे। मोदी ने कहा कि आदि गुरू शंकराचार्य की समाधि का भी पुनर्निर्माण भी होगा।
उन्होंने कहा कि मैं सभी सरकारों, उद्योग जगत के लोगों से अपील करता हूं कि वो इस काम में साथ आएं। मोदी ने कहा कि मेरे यहां आने का मकसद था कि लोग पुराने हादसे को भूलकर यहां पर आने की शुरुआत करें। उन्होंने कहा कि इन सभी परियोजनाओं में पर्यावरण के सभी नियमों का ध्यान रखा जाएगा।
पहाड़ की जवानी, पहाड़ का पानी –
मोदी ने कहा कि पुरानी कहावत है कि पहाड़ की जवानी और पहाड़ का पानी कभी पहाड़ के काम नहीं आती है। पानी बहकर मैदानी इलाकों में चला जाता है, और जवानी काम की तलाश में पहाड़ छोडने को मजबूर हो जाती है। मगर, हम इस कहावत को बदल देंगे और लोगों को रोजगार देंगे।
टूरिज्म हो, एडवेंचर हो या हर्बल खेती की बात हो, हर चीज में उत्तराखंड को आगे करना होगा। उत्तराखंड में टूरिज्म की अपार संभावनाएं हैं। लक्ष्य बनाएं कि 2022 तक उत्तराखंड को ऑर्गेनिक खेती के मामले में आगे लाएंगे।
उत्तराखंड के चार करोड़ घरों को सौभाग्य योजना के तहत 24 घंटों तक बिजली मुहैया कराई जाएगी।