कांगड़ा। हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव को लेकर पीएम मोदी ने गुरुवार को कांगड़ा में चुनावी सभा को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कांग्रेस पर तीखा हमला बोलते हुए इसे सड़ी हुई सोच का नमूना बताया।
पीएम ने कहा कि हमारा कांग्रेस मुक्त भारत कहना उनको चुभता है। कांग्रेस जातिवाद फैलाने वाली पार्टी बन गई है, सड़ी हुई सोच का नमूना है कांग्रेस। पंडित नेहरू कहा करते थे हम जनसंघ को जड़ मूल से उखाड़ कर फेंक देंगे। हम कीचड़ में भी कमल खिलाकर लौटे। हम सड़ी हुई सोच का नमूना कांग्रेस को मिटाने के लिए जनजागरण अभियान चला रहे हैं।
पीएम ने कहा कि आपने ऐसे लोग देखे हैं जो देश पर राज करना चाहते हों, सरकार बनाना चाहते हों लेकिन उन्हें इस देश पर ही भरोसा ना हो। पूरा देश जानता है कि डोकलाम मुद्दे से कैसे निपटा गया, लेकिन कांग्रेस ने उस पर भी सवाल उठाए। इस देश पर दशकों तक राज करने वाले परिवार में जन्मे एक शख्स को अपनी सेना और एजेंसियों पर भरोसा नहीं है और इसलिए वो चीनी राजदूत से डोकलाम की जानकारी लेने गए। अपने देश के राजदूतों और विदेश मंत्री को छोड़कर आप चीनी राजदूत के पास गए, माफ करें लेकिन आप में शुरुआती समझ की कमी है।
पीएम ने आगे कहा कि क्या कांग्रेस को वीरों की शहादत का अपमान करने का हक है? उनके एक नेता कश्मीर की आजादी की बात करते हैं। कांग्रेस की हिम्मत की दाद देनी पड़ेगी, उनके पास कुछ नहीं बचा है, लोग कांग्रेस का स्वच्छता अभियान चला रहे हैं, कांग्रेस लाफिंग क्लब बन गया है।
पीएम मोदी ने भ्रष्टाचार को मुद्दा बनाते हुए कहा कि राज्य के मुख्यमंत्री भ्रष्टाचार के आरोप झेल रहे हैं और फिलहाल जमानत पर हैं। करप्शन में डूबी कांग्रेस इस पर जीरो टॉलरेंस की बात करती है। आपके पास समय आ गया है कि 9 तारीख को हिमाचल को लूटने वालों को विदाई दे दी जाए।
पीएम बोले की जब नौ तारीख को बटन दबाएं तो वजीर राम सिंह पठानिया के आजादी के लिए बलिदान को याद करना तभी सही सरकार बनेगी और हिमाचल का भाग्य बदलेगा।
अपार जनसमूह देख गदगद हुए मोदी, कहा, उम्मीद नहीं थी इतनी सुबह इतनी तादाद में कमल खिलाने के संकल्प लेकर लोग आए हैं, आपका नमन करता हूं। उन्होंने कहा कि हिमाचल जीतने ही वाले थे, मुझे यहां क्यों दौड़ाया। हिमाचल में मैंने बहुत काम किया है।
पीएम ने आगे कहा कि हिमाचल को पांच राक्षसों से मुक्ति दिलाना होगा, यह पांच राक्षस हैं खनन माफिया, जंगल माफिया, ड्रग माफिया, टेंडर माफिया और ट्रांसफर माफिया।