नई दिल्ली। देश के सिस्टम में घोटाले का घुन किस तरह से लग चुका है और कैसे घोटालेबाज दीमक की तरह बैंक की राशि चट कर रहे है इस बात के लिए हमारे सिस्टम में मौजूद खामियों को खंगालना होगा।
घोटालेबाज इन छोटी-मोटी खामियों का फायदा उठाकर बैंक को अरबों का चूना लगा देते हैं और घोटाले का खुलासा होने से पहले ही सात समुंदर पार किसी देश को अपना आशियाना बना लेते हैं। यह रसूखदार होते हैं, सरकार के दरबारी इनको सजदा करते हैं और कभी-कभी यह समाज के सफेदपोश रहनुमा भी बन जाते हैं।
एसबीआइ के बाद पीएनबी देश का दूसरा सबसे बड़ा सरकारी बैंक है। इसका कुल बाजार पूंजीकरण 30,477.50 करोड़ रुपए का है। बाजार पूंजीकरण से मतलब यह है कि इस राशि से आप आप बैंक के सभी शेयर खरीद सकते हैं। यह घोटाला कितना बड़ा है इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि बैंक के कुल बाजार पूंजीकरण के एक तिहाई के बराबर है।
बैंकों में पूंजी का आधार बढ़ाने के लिए सरकार बैंकों में पुन: पूंजीकरण करती है। डूबे हुए कर्ज की वजह से बैंकों की पूंजी में ह्रास होता है। साथ ही बैंक ज्यादा कर्ज बांट सकें इसके लिए ज्यादा पूंजी की आवश्यकता होती है। बजट 2018 में बैंको के पूंजीकरण के लिए कुल 88139 करोड़ रुपए की राशि दी जाने की बात कही गई थी। यह बैंकों को दिए जाने वाले कुल इसमें से 8139 करोड़ रुपए बजट से और 80000 करोड़ रुपए के बॉण्ड दिए जाने थे। इस पूंजीकरण में से पंजाब नेशनल बैंक के खाते में कुल 5473 करोड़ रुपए की रकम आनी थी। यह घोटाला बैंक को सरकार से मिलने वाली पूंजी का दोगुना है।
पिछले वित्त वर्ष यानी 2016-17 में पंजाब नेशनल बैंक को कुल 1324.80 करोड़ रुपए का शुद्ध मुनाफा हुआ। घोटाले की रकम बैंक के एक साल के मुनाफे से 10 गुना बड़ी है। इसको ऐसे भी समझ सकते हैं कि बैंक अगर अपने मुनाफे से ही घोटाले की रकम को चुकाना चाहे तो उसे 10 साल लग जाएंगे वह भी तब जब बैंक को पिछले साल की तरह ही लगातार मुनाफा हो रहे।
पंजाब नेशनल बैंक में कुल 143 ऐसे खाते हैं जिनमें डूबे हुए कर्ज की राशि 100 करोड़ से ज्यादा है। यानी सिर्फ 143 खातों में बैंक को कुल 14300 करोड़ रुपया डूबा हुआ कर्ज है। घोटाले की 11300 करोड़ रुपए की राशि इसके करीब 80 फीसद के बराबर है। बैंक के कुल एनपीए 57,630 करोड़ रुपए हैं।