सुबोध कुमार
मथुरा। समय के साथ गंभीर होती प्लास्टिक की समस्या को रेखांकित करते हुए
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को यहां ‘‘स्वच्छता ही सेवा’’ कार्यक्रम की शुरूआत की और कहा कि
प्लास्टिक पशुओं की मौत का कारण बन रहा है। उन्होंने साथ ही कहा कि पशुधन और पर्यावरण हमेशा
से भारत के आर्थिक चिंतन का महत्वपूर्ण हिस्सा रहा है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज पूरा विश्व
पर्यावरण संरक्षण के लिए एक आदर्श ढूंढ रहा है लेकिन भारत के पास भगवान श्रीकृष्ण जैसा प्रेरणा स्रोत
हमेशा से रहा है, जिनकी कल्पना ही पर्यावरण प्रेम के बिना अधूरी है। उन्होंने साथ ही कहा कि आज
पूरा विश्व पर्यावरण संक्षरण के लिये काम कर रहा है। पर्यावरण और पशुधन हमेशा से भारत के आर्थिक
चिंतन का बहुत महत्वपूर्ण हिस्सा रहा है और ऐसा कार्यक्रम प्रारंभ करने के लिये ब्रज भूमि से बेहतर
कोई स्थान नहीं हो सकता है। ‘‘स्वच्छता ही सेवा’’ कार्यक्रम के पीछे महात्मा गाँधी के 150 वीं जयंती
वर्ष को प्रेरणा बताते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि आज से शुरू हो रहे इस अभियान को इस बार विशेष
तौर पर प्लास्टिक के कचरे से मुक्ति के लिए समर्पित किया गया है। उन्होंने कहा कि प्लास्टिक से होने
वाली समस्या समय के साथ गंभीर होती जा रही है। आप ब्रजवासी तो अच्छी तरह जानते है कि कैसे
प्लास्टिक पशुओं की मौत का कारण बन रहा है। इसी तरह नदियां, तालाबों में रहने वाले प्राणियों का,
उसमें रहने वाली मछलियों का प्लास्टिक को निगलने के बाद जिन्दा बचना मुश्किल हो जाता है।
प्रधानमंत्री ने यहां कार्यक्रम की शुरुआत गोसेवा से की। कचरा प्रबंधन से जुड़ी महिलाओं के साथ खुद
कचरा छांटकर मोदी ने लोगों से प्लास्टिक का प्रयोग बंद करने की सांकेतिक अपील की। उन्होंने कहा कि
अब हमें सिंगल यूज प्लास्टिक से छुटकारा पाना ही होगा। हमें कोशिश करनी है कि दो अक्टूबर तक
अपने दफ्तरों, घरों को सिंगल यूज प्लास्टिक से मुक्त करें। मैं गांव गांव में काम कर रहे सभी संगठनों,
सरकारी स्कूलों, कार्यालयों और लोगों से इस अभियान से जुड़ने का आग्रह करता हूं। प्रधानमंत्री ने कहा
कि प्लास्टिक का जो कचरा इकट्ठा होगा, उसको उठाने का काम प्रशासन करेगा और उसे रिसाइकिल
किया जायेगा। जो कचरा रिसाइकिल नहीं किया जा सकेगा उसे सड़क बनाने में इस्तेमाल किया जायेगा।
इस तरह का काम गांव गांव में किये जाने की जरूरत हे। मोदी ने कहा कि ‘स्वच्छता ही सेवा अभियान’
के साथ ही कुछ परिवर्तन हमें अपनी आदतों में भी करना होगा। हमें चाहिए कि हम जब भी बाहर जाएं
तो हम अपने साथ एक थैला लेकर जाएं ताकि प्लास्टिक बैग की जरूरत न पड़ें। यहां तक की मैं इस
बात के भी पक्ष में हूं कि जब भी कोई सरकारी कार्यक्रम हो तो उसमें प्लास्टिक का इस्तेमाल न हो,
मिट्टी और धातु के बर्तनों का इस्तेमाल होना चाहिए।जब पर्यावरण साफ रहता है तो इसका सीधा असर
स्वास्थ्य पर भी पड़ता है। उन्होंने कहा कि पर्यावण और पशुधन हमेशा से ही भारत के आर्थिक चिंतन
का महत्वपूर्ण हिस्सा रहा है।ब्रजभूमि ने हमेशा से ही पूरे विश्व और पूरी मानवता को प्रेरित किया है।
प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रदेश से इंसफेलाइटिस को खत्म करने के लिये किये जा
रहे प्रयासों की सराहना भी की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुधारू पशुओं को गंभीर बीमारियों से मुक्त
कराने के लिए तैयार की गई टीकाकरण योजना का शुभारम्भ किया। मोदी ने यहां पं. दीनदयाल
उपाध्याय पशुचिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय एवं गो अनुसंधान केंद्र का जायजा लिया। इस दौरान यहां
आयोजित पशु मेले का उद्घाटन करने के बाद उन्होंने यहां पशु पालन और इससे जुड़े विभागों की
परियोजनाओं को भी देखा।