पंचतत्व में विलीन हुए बलिदानी अरविंद, नम आंखों से दी अंतिम विदाई

asiakhabar.com | May 7, 2023 | 6:49 pm IST

धर्मशाला। जम्मू-कश्मीर के राजौरी में आतंकियों के साथ हुई मुठभेड़ में देश के लिए स्र्वोच्च बलिदान देने वाले कांगड़ा जिला के सुलह क्षेत्र के जवान अरविंद कुमार रविवार सुबह पंचतत्व में विलीन हो गए। बलिदानी अरविंद को उनके पैतृक गांव सूरी मरूंह के शमशानघाट में पूरे सैन्य सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई। बड़े भाई भुपेंद्र ने मुखाग्नि दी। इस दौरान बलिदानी अरविंद को अंतिम विदाई देने के लिए सैंकड़ों की संख्या में लोगों की भीड़ उमड़ी। भारत माता की जय और अरविंद कुमार अमर रहे के नारों से पूरा क्षेत्र गूंज उठा। इससे पूर्व बलिदानी अरविंद का पार्थिव शरीर रविवार सुबह करीब सात बजे उनके घर पंहुचा। पार्थिव देह के घर पंहुचते ही माहौल चीखोपुकार भरा हो गया। बलिदानी के परिजन और उनकी पत्नी का रो-रो कर बुरा हाल था। अपने लाडले के अंतिम दर्शन के लिए परिजन पिछले दो दिन से इंतजार कर रहे थे। बलिदानी की पत्नी बिंदु ने सुहाग के जोड़े में अपने पति को अंतिम विदाई दी। बलिदानी की पार्थिव देह के साथ सिख रेजिमेंट के कर्नल सहित अन्य आलाधिकारी उनके घर पंहुचे और परिजनों का ढांढस बंधाया। इसके बाद अरविंद की अंतिम यात्रा शमशानघाट के लिए निकली।
उधर शमशानघाट में हिमाचल सरकार की ओर से कृषि मंत्री चैधरी चंद्र कुमार और सीपीएस आशीष बुटेल ने बलिदानी अरविंद को श्रद्धाजंलि अर्पित की। इसके अलावा सुलह के विधायक विपिन परमार, पूर्व विधायक जगजीवन पाल सहित उपायुक्त और एसपी कांगड़ा, एसडीएम धीरा और सैन्य आलाधिकारियों ने भी अरविंद को श्रद्धाजंलि अर्पित की तथा परिजनों को ढांढस बंधाया।
बलिदानी अरविंद का पार्थिव शरीर शनिवार शाम को जम्मू से पालमपुर के समीप सेना के होल्टा कैंट पंहुच गया था। पार्थिव देह को रात को होल्टा कैंट में ही रखा गया जहां उन्हें श्रद्धाजंलि देने के बाद रविवार सुबह उनके पैतृक गांव लाया गया।
गौरतलब है कि कांगड़ा जिला के सुलह क्षेत्र के जवान 32 वर्षीय अरविंद कुमार ने जम्मू-कश्मीर के राजौरी में शुक्रवार को आतंकियों के साथ हुई मुठभेड़ में बलिदान पाया था। इस मुठभेड़ में सेना के पांच जवानों ने बलिदान दिया है जिनमें से दो हिमाचल से हैं। वर्ष 2012 में सेना में भर्ती हुए अरविंद कुमार की शादी पांच साल पूर्व ही हुई थी जिसके बाद उनकी दो बेटियां हुईं। एक बेटी अभी चार साल की है जबकि दूसरी महज दो साल की है। परिवार में उनके माता पिता के अलावा एक बड़ा भाई और एक बहन भी है।
सरकार की तरफ से दी जाएगी हरसंभव आर्थिक सहायता: चंद्र कुमार
कृषि मंत्री चंद्र कुमार ने कहा कि वीरभूमि कांगड़ा जिला के एक और बेटे ने देश के लिए अपना स्र्वोच्च बलिदान दिया है। उन्होंने कहा कि यह बलिदानी अरविंद कुमार के परिवार के लिए बहुत बड़ा नुकसानन है जिसकी भरपाई करना मुश्किल है। ईश्वर परिजनों को इस दुख का सहने की शक्ति प्रदान करे और दिवंगत की आत्मा को शांति प्रदान करे। उन्होंने कहा कि हिमाचल सरकार अरविंद के परिवार को हर संभव सहायता प्रदान करेगी। बलिदानी की पत्नी सहित उनकी अभी दो छोटी बच्चियां हैं, उनका भी सरकार पूरा ख्याल रखेगी।


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