विनय गुप्ता
बाकू (आजरबैजान)। उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू यहां अग्निमंदिर गये जो भारत
और आजरबैजान के बीच सदियों पुराने ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विनिमय का उदाहरण है। उपराष्ट्रपति
सचिवालय ने ट्वीट किया कि नायडू ने इस आतिशगाह मंदिर में बच्चों को आजरबैजान के पारंपरिक
परिधान में देखकर खुशी व्यक्त की। आतिशगाह आग के लिए पारसी शब्द आतिश से बना है।
उपराष्ट्रपति ने ट्वीट किया, ‘‘आज आजरबैजान के बाकू में आतिशगाह अग्निमंदिर जाकर बड़ी खुशी हुई।
यह मंदिर दोनों देशों के बीच सदियों पुराने ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विनिमय का बहुत अच्छा
उदाहरण है। अठारहवीं सदी के इस स्मारक की दीवारों पर देवनागरी और गुरमुखी लिपि में अभिलेख
लिखे हैं।’’ यह मंदिर उस व्यापारिक संबंध और आतिथ्य का जीता जागता सबूत है जो यूरोप जाने के
रेशम मार्ग पर भारतीय व्यापारियों को आजरबैजान के बाकू और गांजा जैसे शहरों में मिलता था। इस
मंदिर में जाने के बाद नायडू नई दिल्ली के लिए रवाना हो गये। वह गुटनिरपेक्ष आंदोलन के दो दिवसीय
सम्मेलन में हिस्सा लेने आये थे। यह सम्मेलन शुक्रवार को शुरू हुआ था। उपराष्ट्रपति भारतीय
प्रतिनिधिमंडल की अगुवाई कर रहे थे। गुटनिरपेक्ष आंदोलन के इस 18 वें सम्मेलन में उपराष्ट्रपति ने
राष्ट्रीय वक्तव्य दिया और विभिन्न नेताओं के साथ परस्पर हित के मुद्दों पर चर्चा की।