नई दिल्ली। दिल्ली अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे ने एक समय में 1,500 अंतरराष्ट्रीय यात्रियों
के लिये हवाई अड्डे पर रुकने की व्यवस्था की है, जिसमें 'जोखिम वाले' देशों से आने वाले लोग भी शामिल हैं।
अधिकारियों ने मंगलवार को बताया कि ये यात्री आगमन के बाद तब तक यहां रुकेंगे जब तक उनकी आरटी-
पीसीआर जांच की रिपोर्ट नहीं आ जाती।
उन्होंने बताया कि आरटी-पीसीआर जांच कराने वाले प्रत्येक यात्री से लगभग 1,700 रुपये शुल्क लिया जाएगा। इस
राशि में आरटी-पीसीआर जांच शुल्क और जांच परिणाम आने तक हवाई अड्डे पर उनके ठहरने के दौरान भोजन व
पानी का शुल्क शामिल है।
कोरोना वायरस के नए स्वरूप ओमीक्रोन के कारण होने वाले संक्रमण को लेकर बढ़ती चिंताओं के बीच देश भर के
अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों ने अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के लिए मध्यरात्रि से कठोर कोविड-19 दिशानिर्देशों को लागू करने
की तैयारी की है।
दिशानिर्देशों के अनुसार 'जोखिम वाले' देशों से आने वाले सभी यात्रियों को अनिवार्य रूप से आरटी-पीसीआर जांच
करानी होगी जबकि दूसरे देशों से आने वाले पांच प्रतिशत यात्रियों को भी जांच से गुजरना होगा। यात्रियों को हवाई
अड्डे से निकलने या दूसरी उड़ान लेने से पहले जांच परिणाम का इंतजार करना होगा।
अधिकारियों ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (आईजीआईए) पर नए
दिशानिर्देशों को लागू करने और यात्रियों के बीच आवश्यक भौतिक दूरी सुनिश्चित करने के लिए व्यवस्था की गई
है।
अधिकारियों ने बताया कि हवाईअड्डे के अंदर एक बार में 1,400-1,500 यात्रियों को रोका जा सकता है, जिनमें
'जोखिम वाले' देशों से आने वाले यात्री भी शामिल हैं। उन्होंने कहा कि यात्रियों को परिसर में कम से कम छह घंटे
बिताने होंगे। इस दौरान उन्हें आरटी-पीसीआर जांच रिपोर्ट की प्रतीक्षा करनी होगी।