नई दिल्ली। पूर्वोत्तर में वाम के गढ़ को ढहाने के लिए गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो चुनावी जनसभाओं को संबोधित करेंगे। त्रिपुरा के विधानसभा चुनाव में बीजेपी का यह आखिरी दांव माना जा रहा है। भाजपा अपनी रैलियों में आ रही भीड़ को देखकर भी काफी उत्साहित है।
भाजपा के राष्ट्रीय मीडिया कोऑर्डिनेटर अनिल बलूनी ने कहा, ‘एक समय था जब 20-25 लोग ही केवल एकत्र होते थे और पार्टी को उसी में संतुष्ट होना पड़ता था। लेकिन पार्टी अध्यक्ष की ज्यादातर रैलियों में 20,000 से ज्यादा लोगों पहुंचे।’ गौरतलब है भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के दो दिवसीय त्रिपुरा यात्रा के दौरान बलूनी भी उनके साथ मौजूद थे।
पिछले सप्ताह भी पीएम मोदी ने त्रिपुरा का दौरा किया था और अब पीएम की इस चुनावी यात्रा को भी काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। वहीं, पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने भी कई सार्वजनिक मीटिंग और रोड शो किए थे। गृहमंत्री राजनाथ सिंह, सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री व भाजपा नेता योगी आदित्यनाथ भी पार्टी के मुख्य चुनाव प्रचारक हैं।
भाजपा को पिछले चुनाव में 2% से कम वोट मिले थे-
देश के आधे से ज्यादा राज्यों में अपना कब्जा जमा चुकी भाजपा को त्रिपुरा में पिछले विधानसभा चुनाव में 2 फीसद से भी कम वोट मिले थे। ऐसे में अन्य राज्यों के मुकाबले त्रिपुरा में पार्टी को ज्यादा मेहनत करनी पड़ रही है। वहीं, बात करें माणिक सरकार की तो, पिछले चुनाव में 50 फीसद से अधिक वोटों के साथ वामदल ने सत्ता हासिल की थी। अब सीएम माणिक सरकार को अपनी कुर्सी बचाने के लिए रोजगार, विकास, पेयजल और बिजली जैसे बुनियादी मुद्दों को ध्यान में रखना होगा।
त्रिपुरा में वामदलों का दबदबा-
त्रिपुरा में हमेशा से वामदलों के शासन में रहा है। पांच साल (1988-93) की अवधि को छोड़कर त्रिपुरा में वामदल 1978 से सत्ता में हैं और 1998 से माणिक सरकार लगातार सत्ता पर काबिज हैं।
भाजपा का विजन डॉक्यूमेंट-
राज्य भाजपा अध्यक्ष बिप्लब देव ने कहा, ‘वित्त मंत्री अरुण जेटली ने हमारे विजन डॉक्यूमेंट में यह वादा किया है कि राज्य के कर्मचारियों को सातवें वेतन आयोग के हिसाब से वेतन दिया जाएगा।’ रविवार को वित्त मंत्री अरुण जेटली ने त्रिपुरा में चुनावी घोषणापत्र जारी किया था।
विजन डॉक्यूमेंट त्रिपुरा 2018 राज्य में खाद्य प्रसंस्करण, बैंबू, आईटी, रोजगार, महिलाओं के लिए स्नातक तक की मुफ्त शिक्षा, राज्य के कर्मचारियों के लिए सातवां वेतन आयोग का वेतन और युवाओं को मुफ्त स्मार्टफोन देने का वादा किया गया है। हालांकि सीपीएम ने भाजपा के विजन डॉक्यूमेंट को निशाने पर लेते हुए युवाओं को स्पार्टफोन देने सहित सभी वादों को जुमला करार दिया।
18 फरवरी को त्रिपुरा में चुनाव-
गौरतलब है कि 60 सदस्यीय त्रिपुरा विधानसभा के लिए 18 फरवरी चुनाव होगा। भाजपा 51 सीटों पर चुनाव लड़ रही है, जबकि उसकी गठबंधन सहयोगी ‘इंडीजेनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा’ (आईपीएफटी) ने 9 सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं।