सुबोध कुमार
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि बृहस्पतिवार से राज्य में
शुरू हो रहे कोविड-19 जांच अभियान से संक्रमण के मामलों के आंकड़े भले ही बढ़ेंगे लेकिन मौत के मामले
न्यूनतम स्तर पर पहुंचाने में कामयाबी मिलेगी। मुख्यमंत्री ने डेंगू, चिकनगुनिया और मलेरिया जैसे संचारी रोगों के
लिये भी इंसेफेलाइटिस नियंत्रण जैसी ही मुहिम की जरूरत बतायी। योगी ने बुधवार को 'संचारी रोग नियंत्रण
दस्तक अभियान' की शुरुआत करते हुए कहा कि बृहस्पतिवार से मेरठ मण्डल के छह जिलों मेरठ, गाजियाबाद,
बुलंदशहर, हापुड़ और बागपत में हमारा एक विशेष अभियान शुरू हो रहा है। बाकी 17 मण्डलों में यह पांच से
15 जुलाई के बीच चलाया जाएगा। इस अभियान में हम हर नागरिक की मेडिकल स्क्रीनिंग करेंगे। उन्होंने कहा,
''मेरा विश्वास है कि जब हम प्रदेश के हर नागरिक की स्क्रीनिंग कर लेंगे तो भले ही संक्रमण के मामलों की
संख्या बढ़ेगी, लेकिन मौत के मामलों की संख्या न्यूनतम स्तर पर पहुंचाने में हमें सफलता मिलेगी।''
मुख्यमंत्री ने संचारी रोगों की रोकथाम के लिये इंसेफेलाइटिस उन्मूलन अभियान जैसी ही मुहिम बनाने की जरूरत
पर जोर देते हुए कहा कि वर्ष 2016 और 2017 में प्रदेश में सिर्फ इंसेफेलाइटिस से ही 600 से ज्यादा मौतें हुई
थीं लेकिन 2018-19 के आंकड़ों को देखें तो उनकी संख्या में लगातार गिरावट आयी है और वर्ष 2019 में यह
संख्या 126 पर आ गयी। उन्होंने कहा, ‘‘मेरा अनुमान है कि इस वर्ष कोरोना वायरस के कारण जिस तरह से
स्वच्छता और जनजागरूकता के व्यापक कार्यक्रम चलाये गये, उससे हम मौत के इन आंकड़ों को आधे से भी
कम करने में सफल हो सकते हैं। ऐसी बीमारी जिसने पिछले 40 वर्षों के दौरान पूर्वी उत्तर प्रदेश में हजारों
बच्चों को निगल लिया, उस बीमारी को 60 फीसदी कम करने और मौत के आंकड़ों को 90 प्रतिशत तक कम
करने में सफलता प्राप्त हो, यह अपने आप में एक उपलब्धि है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यही स्थिति हमें डेंगू,
मलेरिया, कालाजार और डायरिया समेत सभी संक्रामक रोगों के लिये बनानी पड़ेगी। यह काम एक अभियान के
तहत करना होगा। इसके लिये प्रदेश के सभी 75 जिलों में आज एक मुहिम शुरू की जा रही है। उन्होंने कहा कि
प्रदेश का कोई न कोई जिला किसी न किसी संचारी रोग की कम या ज्यादा चपेट में रहता है। प्रदेश के 38 जिले
तो ऐसे हैं जो इंसेफेलाइटिस से प्रभावित होते हैं। बहुत सारे जिले खासकर शहरी इलाकों में जरा सी असावधानी से
डेंगू का खतरा बहुत बढ़ जाता है। उसी तरह बहुत से क्षेत्रों में मलेरिया, कालाजार और चिकनगुनिया भी देखने को
मिलता है। इन सब पर प्रभावी नियंत्रण के लिये प्रदेश में अंतर्विभागीय समन्वय बनाया गया है और इस तालमेल
के जरिये बीमारी पर काबू करने के लिये स्वास्थ्य विभाग को नोडल महकमा बनाया गया है। इसमें नगर
विकास, पंचायती राज, ग्राम्य विकास, महिला एवं बाल विकास, बेसिक शिक्षा, माध्यमिक शिक्षा, दिव्यांग जन
कल्याण आदि विभाग मिलकर काम करेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग ने कोरोना वायरस के
खिलाफ बेहतर तरीके से लड़कर राज्य में बेहतरीन स्वास्थ्य सुविधा देने का प्रयास किया। उसने अंतर्विभागीय
समन्वय के माध्यम से एक मिसाल कायम की है। कोरोना महामारी के इस दौर में भी प्रदेश के 24 करोड़ लोग
खुद को सुरक्षित महसूस कर रहे हैं। हम कोरोना से भी लड़ेंगे और हर तरह के संचारी रोग से भी प्रभावी तरीके से
निपटेंगे।