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रायपुर। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव के सी वेणुगोपाल ने
मंगलवार को दो विधायकों समेत छत्तीसगढ़ के कांग्रेस नेताओं के परिसरों पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी)
के छापे को ‘राजनीतिक प्रतिशोध’ करार दिया और कहा कि उनकी पार्टी इस तरह के कदमों से डरने
वाली नहीं है। राजधानी के स्वामी विवेकानंद हवाई अड्डे पर संवाददाताओं से बातचीत में वेणुगोपाल
ने कहा कि कांग्रेस पार्टी इस कदम के खिलाफ कानून के तहत लड़ाई लड़ेगी।
कांग्रेस नेताओं के परिसरों पर ईडी के छापे के बारे में पूछे जाने पर वेणुगोपाल ने कहा, ‘‘यह स्पष्ट
रूप से एक राजनीतिक प्रतिशोध की कार्रवाई है। हमें इसकी उम्मीद थी। हम इसकी (छापे की)
उम्मीद कर रहे थे क्योंकि कांग्रेस का राष्ट्रीय अधिवेशन होने जा रहा है और चुनाव भी होने वाले हैं।
हम किसी चीज से डरे हुए नहीं हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम कानून का पालन करने वाले नागरिक हैं।
भाजपा या मोदी के नाम पर यह मत सोचिए कि कांग्रेस डरने वाली है। हम निश्चित रूप से कानून
के अनुसार इसका मुकाबला करेंगे। आप देख सकते हैं कि एक राष्ट्रीय पार्टी के अधिवेशन से ठीक
पहले, वे (भाजपा) इस प्रकार का नाटक कर रहे हैं।’’
कांग्रेस नेता ने कहा कि वह 24 से 26 फरवरी तक रायपुर में होने वाले पार्टी के 85वें राष्ट्रीय
अधिवेशन की तैयारी देखने आए हैं। छत्तीसगढ़ में ईडी के छापे के विरोध में सत्ताधारी कांग्रेस ने
मंगलवार को रायपुर स्थित ईडी के दफ्तर के सामने धरना देने की घोषणा की है। प्रवर्तन निदेशालय
(ईडी) ने कोयला लेवी मामले की जांच के तहत सोमवार को कांग्रेस पार्टी के नेताओं से जुड़े परिसरों
सहित छत्तीसगढ़ में कई स्थानों पर तलाशी ली थी। ईडी ने यह कार्रवाई तब की है जब 24 फरवरी से
रायपुर में कांग्रेस का तीन दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन होना है।
अधिकारियों ने बताया कि ईडी ने सोमवार को छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कोषाध्यक्ष
रामगोपाल अग्रवाल, विधायक चंद्रदेव प्रसाद राय, देवेंद्र यादव, छत्तीसगढ़ खनिज विकास निगम के
अध्यक्ष गिरीश देवांगन, छत्तीसगढ़ राज्य भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण मंडल के
अध्यक्ष सुशील सन्नी अग्रवाल, पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता आरपी सिंह, पार्टी के नेता विनोद तिवारी समेत
अन्य नेताओं के परिसरों में छापे की कार्रवाई की है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छापे को राजनीति से
प्रेरित कदम बताया और कहा कि भारतीय जनता पार्टी कांग्रेस से डरती है और राजनीतिक विरोधियों
की आवाज को कुचलने के लिए केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है।