नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भ्रष्टाचार को लेकर पिछली यूपीए सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि आज भारत उन देशों में से एक है जहां का बैंकिंग सेक्टर सबसे मजबूत माना जाता है, हालांकि नौ साल पहले ऐसी स्थिति नहीं थी। उन्होंने कहा कि पिछले नौ साल में उनकी सरकार द्वारा इस दिशा में सुधारात्मक उपाय करने से यह स्थिति बनी है।
प्रधानमंत्री शनिवार को रोजगार मेले में विभिन्न सरकारी विभागों में नवनियुक्त 70,000 से अधिक युवाओं को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से नियुक्ति पत्र सौंपेने के बाद संबोधित कर रहे थे। प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार द्वारा भर्ती के लिए आज से बेहतर समय नहीं हो सकता क्योंकि नए अधिकारियों को अमृतकाल में देश की सेवा करने का सुनहरा अवसर मिला है। उन्होंने सुझाव दिया कि नियुक्ति पाने वालों की प्राथमिकताएं देश के लोगों की सेवा करना और जीवन में आसानी बढ़ाने के लिए होना चाहिए, साथ ही उन्हें खुद को विकसित भारत के लक्ष्यों के साथ जोड़ना चाहिए। उन्होंने कहा, “1947 में आज के ही दिन 22 जुलाई को तिरंगे को संविधान सभा द्वारा वर्तमान स्वरूप में स्वीकार किया गया था। इस महत्वपूर्ण दिवस पर आप सभी को सरकारी सेवा के लिए नियुक्ति पत्र मिलना बहुत बड़ी प्रेरणा है। यह आपके लिए यादगार और देश के लिए ऐतिहासिक दिन है।”
आज नियुक्ति पत्र पाने वालों में बड़ी संख्या बैंकिंग क्षेत्र से होने के मद्देनजर प्रधानमंत्री ने बैंकिंग क्षेत्र के बारे में बात की। उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था के विस्तार में बैंकिंग सेक्टर की बहुत बड़ी भूमिका होती है। मोदी ने पिछले नौ वर्षों की यात्रा को याद करते हुए कहा, “आज भारत उन देशों में से एक है जहां का बैंकिंग सेक्टर सबसे मजबूत माना जाता है, हालांकि नौ साल पहले ऐसी स्थिति नहीं थी।” उन्होंने कहा कि पिछले नौ साल में सरकार ने इस दिशा में सुधारात्मक उपाय करने से यह स्थिति बनी है।
भ्रष्टाचार को लेकर पिछली सरकार पर निशाना साधते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि जब सत्ता का स्वार्थ राष्ट्रहित पर हावी होता है तब कैसी बर्बादी होती है इसके देश में अनेक उदाहरण है। उन्होंने कहा कि ”फोन बैंकिंग” घोटाला पिछली सरकार के सबसे बड़े घोटालों में से एक था क्योंकि इसने बैंकिंग प्रणाली की कमर तोड़ दी थी। उन्होंने कहा कि पहले, एक खास परिवार के करीबी नेता बैंकों को फोन करते थे और अपने पसंदीदा लोगों को करोड़ों रुपये का ऋण प्रदान कराते थे। ये ऋण कभी चुकाए नहीं गए। यह ‘फोन बैंकिंग’ घोटाला पिछली सरकार के सबसे बड़े घोटालों में से एक था, इसने देश के बैंकिंग क्षेत्र की कमर तोड़ दी।
मोदी ने जोर देकर कहा कि 2014 के बाद उनकी सरकार ने इस क्षेत्र की मदद के लिए बैंकों के प्रबंधन को मजबूत करने, छोटे बैंकों का विलय करने, व्यावसायिकता लाने और छोटे बैंकों को बड़े बैंकों में तब्दील करने सहित कई कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा कि 5 लाख तक की जमा राशि का बीमा करने से 99 प्रतिशत से अधिक जमा सुरक्षित हो गई है जिससे बैंकिंग प्रणाली में एक नया विश्वास पैदा हुआ है। दिवालियापन संहिता जैसे अधिनियमों से बैंकों को घाटे से बचाया गया। इसके अलावा सरकारी संपत्तियों को लूटने वालों पर नकेल कसते हुए उनकी संपत्ति कुर्क कर घाटे और एनपीए के लिए जाने जाने वाले बैंकों की रिकॉर्ड मुनाफे के लिए चर्चा हो रही है। प्रधानमंत्री ने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक पहले हजारों करोड़ रुपये के घाटे और गैर-निष्पादित संपत्तियों (एनपीए) के लिए जाने जाते थे, लेकिन अब वे रिकॉर्ड मुनाफे के लिए जाने जाते हैं।
प्रधानमंत्री ने लोगों की सेवा करने और ‘मुद्रा’ योजना के तहत ऋण के माध्यम से गरीबों और असंगठित क्षेत्रों की मदद करने और महिला स्वयं सहायता समूहों का समर्थन करने के लिए विभिन्न सरकारी योजनाओं को क्रियान्वित करने के लिए बैंकिंग क्षेत्र के कर्मचारियों की कड़ी मेहनत और प्रतिबद्धता की भी प्रशंसा की। उन्होंने 50 करोड़ जनधन खाते खोलकर जनधन खाता योजना को बड़ी सफलता बनाने में बैंकिंग क्षेत्र के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि महामारी के दौरान करोड़ों महिलाओं के खातों में पैसे ट्रांसफर करने में इससे बड़ी मदद मिली।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आजादी के अमृतकाल में प्रत्येक नागरिक ने भारत को ‘विकसित भारत’ बनाने का संकल्प लिया है। हाल के वर्षों में वैश्विक पटल पर भारत के प्रति विश्वास और आकर्षण का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि अगले 25 साल नई भर्तियों और देश के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने कहा, “दुनिया में भारत के प्रति जो विश्वास और आकर्षण बना है हम सभी को मिलकर इसका पूरा लाभ उठाना होगा।”
दुनिया की अग्रणी अर्थव्यवस्थाओं में भारत के उदय पर प्रकाश डालते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, भारत केवल नौ वर्षों में 10वें स्थान से चढ़कर दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। उन्होंने यह भी दोहराया कि आज विशेषज्ञों का कहना है कि भारत अगले कुछ वर्षों में दुनिया की शीर्ष तीन अर्थव्यवस्थाओं में से एक होगा। यह देश की असाधारण उपलब्धि होगी। उन्होंने कहा कि इससे हर क्षेत्र में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और आम नागरिकों की आय भी बढ़ेगी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हाल की नीति आयोग की रिपोर्ट में पाया गया है कि पिछले 5 वर्षों में 13 करोड़ भारतीयों को गरीबी रेखा से ऊपर लाया गया है। उन्होंने इसमें सरकारी सेवकों की कड़ी मेहनत की सराहना की और पक्के मकान, शौचालय और बिजली कनेक्शन की योजनाओं का उल्लेख किया। उन्होंने कहा, “जब ये योजनाएं गरीबों तक पहुंचीं तो उनका मनोबल भी बढ़ा। यह सफलता इस बात का प्रतीक है कि अगर हम सब मिलकर भारत से गरीबी हटाने के प्रयास बढ़ा दें तो भारत से गरीबी पूरी तरह खत्म हो सकती है।”