एजेंसी
नई दिल्ली। भारत विरोधी विदेशी प्रोपेगेंडा के मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। किसान
आंदोलन के समर्थन में ग्रेटा थनबर्ग की आरे से एक टूलकिट ट्वीट किया गया था, जिस पर बवाल मच गया
था। अब उस टूलकिट को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। शुरुआती जांच में पता चला कि इस टूलकिट को कनाडा
स्थित एक खालिस्तानी समर्थक संगठन ने तैयार किया था। खालिस्तानी समर्थक संगठन ग्रेटा थनबर्ग के जरिए
भारत की विश्व गुरु की छवि को खराब करना चाहते थे।
पर्यावरण बचाने केलिए काम करने वाली 18 वर्षीय ग्रेटा थनबर्ग के ट्वीट किए गए टूलकिट को एक स्व-घोषित
खालिस्तान समर्थक एमओ धालीवाल द्वारा सह-स्थापित 'पीस फॉर जस्टिस' द्वारा तैयार किया गया था। यह
संगठन कनाडा के वैंकूवर में स्थित है। इस टूलकिट में भारत के खिलाफ चलाए जाने वाले अभियान की सूची
को विस्तार से लिखा गया था। टूलकिट में भारत की योग, चाय और विश्वगुरु वाली छवि को नुकसान पहुंचाने
की बात कही गई थी। इतना ही नहीं टूलकिट में 26 जनवरी को प्रवासी भारतीयों द्वारा वैश्विक व्यवधान
डालने और कृषि कानूनों को निरस्त करने की बात कही गई थी।
बता दें कि ग्रेटा थनबर्ग ने इस ट्वीट को कुछ समय बाद ही डिलीट कर दिया था, लेकिन इससे पहले ही
दुनिया के कई लोगों ने उनकी पोस्ट के स्क्रीनशॉट ले लिए थे, बाद में टूलकिट के ये स्क्रीन शॉट ने ग्रेटा
थनबर्ग के दुष्प्रचार की कलई खोल दी।
केंद्रीय मंत्री वी के सिंह ने एक फेसबुक पोस्ट के जरिए दावा किया कि ग्रेटा थनबर्ग के डिलीट किए गए ट्वीट
से भारत के खिलाफ एक अंतरराष्ट्रीय स्तर की साजिश का खुलासा हुआ है। सिंह ने कहा कि उन दलों की जांच
करने की आवश्यकता है, जो इस बुरी मशीनरी जाल में उलझ रहे हैं। सिंह ने कहा कि टूलकिट में स्पष्ट निर्देश
दिए गए हैं कि 'कैसे', 'कब' और 'क्या' करना है, इसकी पूरी जानकारी दी गई है।