नई दिल्ली। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने एक मानव तस्करी गिरोह का पर्दाफाश किया है। इस संबंध में जांच एजेंसी ने तीन ट्रैवल एजेंटों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। ये तीनों रग्बी ट्रेनिंग के नाम पर पिछले साल गैरकानूनी रूप से 25 नाबालिग छात्रों को फ्रांस ले गए थे जिनमें से 22 लापता हो गए। सभी छात्र पंजाब, हरियाणा और दिल्ली के रहने वाले हैं।
सीबीआई ने शुक्रवार को ट्रैवल एजेंटों ललित डेविड डीन (फरीदाबाद), संजीव रॉय (दिल्ली) और वरुण चौधरी (दिल्ली) के परिसरों की तलाशी ली और कई दस्तावेज जब्त किए। सीबीआई प्रवक्ता अभिषेक दयाल ने बताया, “कपूरथला (पंजाब) स्थित दो स्कूलों के 25 छात्रों का एक समूह निजी लोगों (ट्रैवल एजेंट्स) के नेतृत्व में पेरिस जाने के लिए दिल्ली एयरपोर्ट से विमान में सवार हुआ था।
उन्हें कथित तौर पर पेरिस के फ्रेंच फेडरेशन से निमंत्रण मिला था।” अधिकारियों ने बताया कि वीजा आवेदन में एजेंटों ने दिखाया था कि 13 से 18 आयुवर्ग के 25 बच्चों का समूह पेरिस में रग्बी ट्रेनिंग कैंप के लिए जा रहा है। एजेंटों ने विदेश भेजने के लिए प्रत्येक नाबालिग के अभिभावकों से 25 से 30 लाख रुपये लिए थे।
अभिषेक दयाल ने बताया कि सभी नाबालिगों ने पेरिस की यात्रा की और उसके बाद एक हफ्ते तक रग्बी ट्रेनिंग कैंप में भी हिस्सा लिया। इस बीच ट्रैवल एजेंटों ने उनकी वापसी के टिकट निरस्त करा दिए। लेकिन इससे पहले दो बच्चे कुछ गलत होने की आशंका भांपकर भारत लौट आए।
अधिकारियों ने बताया कि जो बच्चे वहां रह गए उन्हें कथित तौर पर एक स्थानीय गुरुद्वारे में छोड़ दिया गया। उनमें से एक को फ्रेंच पुलिस ने गिरफ्तार किया था और मामले को इंटरपोल को संदर्भित कर दिया था। इंटरपोल ने ही बाद में इस मामले की सूचना सीबीआइ को दी।
जानकारी मिलने पर केंद्रीय जांच एजेंसी ने प्रारंभिक जांच की और एफआइआर दर्ज कर ली। सीबीआइ अब जल्द ही अभिभावकों से संपर्क करेगी और यह जानकारी भी एकत्रित करेगी कि क्या किसी की गुमशुदगी की शिकायत भी दर्ज कराई गई थी।