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यदि खेती किसानी से काश्तकारों की माली हालत सुधारनी है तो काश्तकारों को कृषि आदान के रूप में सहायता दी जानी होगी। इसके लिए सरकारें द्वारा चाहे केन्द्र की हों या प्रदेशों की, जितनी राशि का अनुदान प्रावधान किया जाता है या ऋण माफी की अनुमानित राशि का प्रावधान किया जाता है, उतनी राशि से काश्तकारों को कृषि आदान यानी कि उन्नत बीज-खाद, कीटनाषक आदि के मिनी किट के रूप में निःशुल्क या अनुदानित दर पर सीधे काश्तकार को उपलब्ध कराया जाता है तो इसका वास्तविक लाभ खेती किसानी को मिल सकेगा। हालिया राजस्थान सरकार के आगामी वर्ष के हालिया बजट को इस दिशा में सकारात्मक पहल माना जा सकता है।
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 10 फरवरी को राज्य विधानसभा में प्रस्तुत बजट में प्रदेश के 23 लाख लघु एवं सीमांत किसानों को उन्नत प्रमाणित बीज के निःशुल्क मिनी किट उपलब्ध कराने की घोषणा की है। इसी तरह से इंटरनेशनल मिलेट् वर्ष के अवसर पर 8 लाख किसानों को बाजरा बीज के मिनी किट वितरित करने और 20 लाख सब्जियों के मिनी किट वितरित करना प्रस्तावित किया है। इसमें 11 लाख किसानों को संकर मक्का बीज के मिनी किट, 7 लाख काश्तकारों को सरसों बीज के मिनी किट, 3 लाख किसानों को मूंग बीज के मिनी किट और एक-एक लाख काश्तकारों को मोठ और तिल बीज के मिनी किट उपलब्ध कराया जाना प्रस्तावित है। 8 लाख काश्तकारों को बाजरा बीज की मिनी किट उपलब्ध होंगे तो 20 लाख काश्तकारों को सब्जी बीज के मिनी किट दिए जाएंगे। भले ही राजस्थान की सरकार द्वारा निःशुल्क बीज मिनी किट वितरण के दायरे में लघु एवं सीमांत किसानों को लिया गया है और यह भी सही है कि सर्वाधिक सहायता की आवश्यकता लघु एवं सीमांत किसानों को है, ऐसे में इसका सीधा-सीधा लाभ खेती किसानी और काश्तकार को मिलेगा और यह व्यवस्था सीधे किसानों के खातों में अनुदान राशि भेजे जाने से भी अधिक प्रभावी होगी।
दरअसल समझना यह होगा कि कृषि आदान के रूप में उपलब्ध कराई जाने वाली सामग्री चाहे वह बीज के मिनी किट हों या उर्वरक या फिर कीटनाशक या अन्य कुछ, उसका सीधे-सीधे और शत-प्रतिशत उपयोग खेती किसानी में ही होगा। काश्तकार बीज को बुवाई के ही काम में लेगा और इससे उत्पादन बढ़ेगा जिससे काश्तकार के साथ ही प्रदेश व देश को लाभ मिलेगा। देश और प्रदेश में कृषि उत्पादन बढ़ेगा। इससे दोहरा लाभ सुनिश्चित है। एक तो यह कि काश्तकारों को बुवाई के समय बीज की उपलब्धता होगी, दूसरी यह कि बीज की गुणवत्ता और प्रमाणिकता से समझौता नहीं होगा और किसान नकली बीज से ठगा नहीं जाएगा। इसके साथ ही यह भी साफ होगा कि चूंकि सरकार द्वारा बीज के मिनी किट का वितरण किया जाएगा तो निश्चित रूप से यह भी सुनिश्चित होगा कि क्षेत्र विशेष के लिए उपयुक्त किस्म के बीज काश्तकारों को मिल सकेंगे। इससे बीज की गुणवत्ता पर भी किसी तरह का संदेह नहीं किया जा सकेगा।
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि को अलग कर दिया जाए तो एक बात साफ हो जानी चाहिए कि किसी अन्य तरीके से काश्तकार को भले ही डीबीटी के माध्यम से अनुदान राशि हस्तांतरित की जाएं और यह सुनिश्चित होने के बाद भी शत-प्रतिशत राशि बिना किसी लीकेज के काश्तकार को मिले पर, उस राशि का उत्पादन कार्य में उपयोग होगा यह सुनिश्चित नहीं किया जा सकता है। इस बात को नहीं नकारा जा सकता है कि जब नकद राशि आती है तो उसका अन्यत्र उपयोग भी हो सकता है। ऐसे में राजस्थान सरकार की नए बजट में किसानोन्मुखी अन्य घोषणाओं के साथ ही उन्नत बीज के मिनी किट निःशुल्क वितरण करने की रूपरेखा प्रस्तुत की गई है और यह साफ है कि इसका सीधा-सीधा लाभ काश्तकार और प्रदेश में कृषि उत्पादन में बढ़ोतरी में ही होगा। इसके साथ ही जब सरकार द्वारा बीज मिनी किट उपलब्ध कराए जाएंगे तो उनकी गुणवत्ता और उत्पादकता पर प्रश्न भी नहीं उठाया जा सकेगा।
राजस्थान के मुख्यमंत्री गहलोत ने एक अच्छी पहल कर दी है। बजट में इसके लिए वित्तीय प्रावधान भी कर दिए हैं। ऐसे में अब सरकारी मशीनरी की जिम्मेदारी हो जाती है कि बीज की गुणवत्ता और बीज वितरण का रोडमैप समय रहत तैयार कर लिया जाए ताकि मानसून के आरंभ होते ही या खरीफ की बुवाई के समय लक्षित काश्तकारों को समय पर योजनाबद्ध तरीके से बीज के मिनी किट वितरित हो सके। ऐसा नहीं है कि मिनी किट पहली बार वितरित होंगे अपितु मिनी किट तो वितरित होते रहते हैं पर राज्य सरकार इस बार बड़े स्तर पर लघु एवं सीमांत किसानों को इसके दायरे में ला रही है। ऐसे में बीज की गुणवत्ता, उपलब्धता और मिनी किट समय पर तैयार होने और वितरण का समूचा फूल प्रूफ नेटवर्क तय करना होगा। इसके लिए सहकारी नेटवर्क की भूमिका तय की जा सकती है। आशा की जानी चाहिए कि राज्य सरकार की इस पहल की सफल क्रियान्विति होगी और काश्तकारों और प्रदेश के कृषि क्षेत्र को इसका लाभ मिलेगा। राजस्थान की इस पहल को अन्य प्रदेशों में भी अपनाने की पहल की जाती है तो यह खेती किसानी क्षेत्र में बढ़ता सकारात्मक कदम होगा।
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