गरीबों और वंचितों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए करेंगे काम: मोदी

asiakhabar.com | May 30, 2019 | 5:22 pm IST
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नई दिल्ली। नरेन्द्र मोदी ने दूसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने से पहले
बृहस्पतिवार को महात्मा गांधी, अटल बिहारी वाजपेयी को श्रद्धांजलि दी, राष्ट्रीय समर स्मारक पर
शहीदों को नमन किया और कहा कि इनके आदर्श हमें गरीबों, वंचितों एवं हाशिये पर खड़े लोगों के
जीवन एवं शासन व्यवस्था को बेहतर बनाने तथा लोगों के जीवन में बदलाव लाने को प्रेरित करेंगे। साथ
ही उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा को अपनी शीर्ष प्राथमिकता भी करार दिया। मोदी ने अपने ट्वीट में कहा कि
राजघाट जाकर बापू को श्रद्धांजलि दी, सम्मान प्रकट किया। इस वर्ष हम बापू की 150वीं जयंती मना
रहे हैं। मैं आशा करता हूं कि यह विशेष अवसर बापू के नेक विचारों एवं आदर्शों को और लोकप्रिय बनाने
तथा गरीबों, वंचितों एवं हाशिये पर खड़े लोगों को सशक्त बनाने की दिशा में हमें प्रेरित करेंगे।
उन्होंने एक अन्य ट्वीट किया कि हम अपने प्रिय अटलजी को हर क्षण स्मरण करते हैं। वे भाजपा को,
लोगों की सेवा करने का इतना बड़ा अवसर मिलता देख, बहुत खुश होते। मोदी ने कहा कि अटलजी के
जीवन एवं उनके कार्यों से बहुत प्रेरित हूं। हम शासन व्यवस्था को बेहतर बनाने और लोगों के जीवन में
बदलाव लाने की दिशा में प्रयास जारी रखेंगे। अपने ट्वीट में उन्होंने कहा कि कर्तव्य का निर्वाह करते
हुए शहीद होने वाले वीर पुरूषों एवं महिलाओं पर भारत को गर्व है। राष्ट्रीय समर स्मारक पर हमारे वीर
सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित की।
उन्होंने कहा कि हमारी सरकार भारत की एकता और अखंडता की सुरक्षा के लिये कोई कसर नहीं
छोड़ेगी। राष्ट्रीय सुरक्षा हमारी शीर्ष प्राथमिकता है। मोदी सबसे पहले राजघाट पहुंचे, जहां उन्होंने महात्मा
गांधी को श्रद्धांजलि दी। उसके बाद वह अटल बिहारी वाजपेयी की समाधि सदैव अटल पहुंचे और वहां

पूर्व प्रधानमंत्री को श्रद्धांजलि दी। इस दौरान उनके साथ भााजपा अध्यक्ष अमित शाह, जेपी नड्डा, पीयूष
गोयल, रविशंकर प्रसाद, स्मृति ईरानी, प्रकाश जावडेकर, गिरिराज सिंह सहित भाजपा के कई नेता मौजूद
थे। बापू और अटल को श्रद्धांजलि देने के बाद मोदी ने राष्ट्रीय समर स्मारक पहुंच कर शहीदों को नमन
किया। उन्होंने इसी साल 26 फरवरी को राष्ट्रीय समर स्मारक का उद्घाटन किया था। इस दौरान उनके
साथ निवर्तमान रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण और तीनों सेनाओं के प्रमुख भी मौजूद थे।


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