नई दिल्ली। पूर्वोतर के तीन राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों से एक में अपने दम पर स्पष्ट और दूसरे में सहयोगी नेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी (एनडीपीपी) के साथ बहुमत हासिल करने के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की लगातार जीत का श्रेय पार्टी के नेतृत्व वाली सरकारों के कार्यों, उनकी कार्य संस्कृति तथा पार्टी कार्यकर्ताओं के समर्पण की ‘त्रिवेणी’ को जाता है।
भाजपा के प्रदर्शन से उत्साहित मोदी ने पार्टी के लिए अल्पसंख्यकों के बढ़ते समर्थन का हवाला देकर केरल पर अपनी नजरें गड़ा दीं और प्रतिद्वंद्वियों की आलोचना करते हुए कहा कि वे ‘मर जा मोदी’ की कामना कर रहे हैं लेकिन लोग ‘मत जा मोदी’ के नारे लगा रहे हैं।
उन्होंने प्रमुख विपक्षी पार्टी कांग्रेस पर यह कहते हुए निशाना भी साधा कि उसका यह हाल हो गया है कि वह कहीं देखने को नहीं मिलती। उन्होंने पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर भी निशाना साधा और कहा कि जब दिल में ही ‘‘भारत को जोड़ने’’ की भावना न हो तभी उनकी पार्टी कह रही है कि पूर्वोत्तर के तीनों राज्य छोटे हैं और इनके नतीजे उतना मायने नहीं रखते। पूर्वोत्तर के जिन राज्यों में विधानसभा चुनाव हुए हैं उनमें मेघालय एकमात्र राज्य ऐसा है जहां भाजपा महज दो ही सीट पर सिमट पर गई। वर्ष 2018 के चुनाव में भी भाजपा ने यहां दो ही सीट जीती थीं।
इस चुनाव में भाजपा ने नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) के साथ मिलकर चुनाव लड़ा था और साथ में सरकार भी बनाई थी। हालांकि इस बार के चुनाव से ठीक पहले वह एनपीपी से अलग हो गई और अलग चुनाव लड़ी। त्रिपुरा, नगालैंड और मेघालय विधानसभा चुनाव में भाजपा के प्रदर्शन पर बधाई देने के लिए यहां भाजपा मुख्यालय में आयोजित समारोह में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि चुनाव परिणाम देश और दुनिया के सामने भारत के लोकतंत्र तथा लोकतांत्रिक संस्थाओं में लोगों की आस्था को प्रदर्शित करते हैं।
उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर के तीन राज्यों के चुनाव परिणामों ने पूरी तरह साफ कर दिया है कि यह क्षेत्र न तो ‘दिल्ली’ से और न ही ‘दिल’ से दूर है। प्रधानमंत्री ने कहा कि भाजपा के कुछ ‘‘विशेष शुभचिंतक’’ भी हैं, जिन्हें यह सोच-सोचकर सिर में दर्द भी होता है कि उसकी जीत का राज क्या है? उन्होंने ऐसे ‘‘शुभचिंतकों’’ को भाजपा की सफलता का रहस्य बताते हुए कहा, ‘‘भाजपा के विजय अभियान का रहस्य छिपा है ‘त्रिवेणी’ में…इसकी पहली शक्ति है भाजपा सरकारों के कार्य, दूसरी शक्ति है- भाजपा सरकारों की कार्य संस्कृति…तीसरी शक्ति है- भाजपा कार्यकर्ताओं का सेवा-भाव।’’
मोदी ने कहा कि उन्हें इस बात का संतोष है कि प्रधानमंत्री के कार्यकाल के दौरान उन्होंने बार-बार पूर्वोत्तर के राज्यों का दौरा किया और वहां के लोगों के दिलों को जीता। उन्होंने कहा, ‘‘यही मेरे लिए सबसे बड़ी जीत है।’’ मोदी ने कहा कि उन्हें यह संतोष भी है कि पूर्वोत्तर के लोगों को यह अहसास हो रहा है कि अब उनकी उपेक्षा नहीं होती।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भाजपा के प्रतिद्वंद्वियों और उनके पारिस्थितिकी तंत्र ने पार्टी को मध्यम वर्ग या अन्य समूहों के साथ जोड़कर बार-बार यह साबित करने की कोशिश की है कि वह उनके खिलाफ है लेकिन समय के साथ उनका भंडाफोड़ हो गया है। उन्होंने कहा कि आदिवासी, दलित और पिछड़े वर्ग अब भाजपा के साथ हैं और इसके प्रतिद्वंद्वी दावा करते थे कि पार्टी को इनमें से कुछ से ज्यादा का समर्थन नहीं मिलता है। मोदी ने यह भी कहा कि भाजपा बिना किसी भेदभाव के सभी के लिए काम करती है।
उन्होंने कहा कि वर्षों से देश और विदेश में एक और प्रचार किया जा रहा था कि अल्पसंख्यकों को भाजपा से डरना चाहिए। उन्होंने कहा कि गोवा के लोग राज्य में बार-बार भाजपा का समर्थन करके भाजपा के खिलाफ इस ‘झूठ’ को उजागर कर रहे हैं, जहां ईसाई बड़ी संख्या में हैं और पूर्वोत्तर क्षेत्र में अब भाजपा के लिए मतदाताओं का समर्थन बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि मेघालय और नगालैंड में ईसाई बहुसंख्यक हैं और भाजपा के लिए उनका समर्थन बढ़ रहा है।
मोदी ने कहा, ‘‘जैसे-जैसे हमारे प्रतिद्वंद्वियों का झूठ उजागर होगा, भाजपा का विस्तार होगा… मुझे यकीन है कि आने वाले वर्षों में, जैसा कि मेघालय और नगालैंड में हुआ है और गोवा में हो रहा है, भाजपा का गठबंधन केरल में भी सरकार बनाएगा।’’ उन्होंने त्रिपुरा में “दोस्ती” और केरल में प्रतिद्वंद्विता के साथ छल की राजनीति के लिए वाम और कांग्रेस पर हमला किया।
उल्लेखनीय है कि वाम दल और कांग्रेस दक्षिणी राज्य में एक-दूसरे के विरोधी हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि केरल के लोग इन दोनों दलों की प्रतिद्वंद्विता का दिखावा देख रहे हैं लेकिन सच्चाई अब सामने आ गई है कि वे राज्य को लूटने में साथ हैं। त्रिपुरा में भाजपा का मुकाबला करने के लिए वाम दलों और कांग्रेस ने हाथ मिलाया था लेकिन राज्य में उन्हें करारी हार का सामना करना पड़ा। दक्षिणी राज्य केरल में मुस्लिम और ईसाई बड़ी संख्या में हैं, जहां भाजपा अब तक कुछ खास नहीं कर सकी है।
कांग्रेस पर निशाना साधते हुए मोदी ने कहा कि ‘‘रस्सी जल गई लेकिन ऐंठन नहीं गई’’। उन्होंने कहा कि आज कांग्रेस का क्या हाल हो गया है कि वह कहीं देखने को नहीं मिलती। उन्होंने कहा, ‘‘जमीन खिसक गई है लेकिन अभी सुबुद्धि नाम की चीज़ उनके नज़दीक नहीं आयी है।’’ मोदी ने कहा कि पूर्वोत्तर के तीन राज्यों के चुनावी नतीजों के बाद कांग्रेस ने ‘‘छोटा’’ के प्रति अपनी नफरत को फिर से जगजाहिर कर दिया।
उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस कह रही है कि ये तो छोटे राज्य हैं, इनके नतीजे उतना मायने नहीं रखते। जब दिल में ही भारत को जोड़ने की भावना न हो…तो ऐसे ही बोल निकलते हैं।’’ ज्ञात हो कि तीनों राज्यों में विधानसभा चुनाव राहुल गांधी की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के बाद हुए हैं। यह दीगर बात है कि उनकी यात्रा पूर्वोत्तर के राज्यों में नहीं गई थी। मोदी ने कहा कि कांग्रेस की टिप्पणी तीनों राज्यों के लोगों का अपमान है और साथ ही यह जनमत का भी अपमान है।
कांग्रेस ने कुछ राज्यों के विधानसभा उपचुनावों में मिली जीत को उत्साहजनक करार देते हुए कहा था कि पूर्वोत्तर के तीन प्रदेशों के विधानसभा चुनाव के नतीजे निराशाजनक रहे हैं, जिसके कारणों पर वह विचार करेगी। भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा ने पूर्वोत्तर में भाजपा की सफलता का श्रेय प्रधानमंत्री के इन राज्यों को मुख्यधारा में लाने के प्रयासों को तथा क्षेत्र में विकास के नीतिगत फैसलों को दिया। नड्डा ने कहा कि कांग्रेस ने पूर्वोत्तर को अपना एटीएम समझा, लेकिन मोदी ने क्षेत्र को भ्रष्टाचार मुक्त बनाया और यहां शांति तथा विकास के लिए काम किया।