शिशिर गुप्ता
नई दिल्ली। सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे ने चीन को स्पष्ट संदेश देते हुए
शुक्रवार को कहा कि किसी को भारतीय सेना के धैर्य की परीक्षा लेने की गलती नहीं करनी चाहिए, हालांकि वह
उत्तरी मोर्चे पर जारी सीमा गतिरोध को बातचीत और राजनीतिक उपायों से हल करने को प्रतिबद्ध हैं। जनरल
नरवणे ने ‘सेना दिवस परेड’ के मौके पर कहा कि सीमा पर एकतरफा बदलाव की ‘‘साजिश’’ का ‘‘मुंह तोड़
जवाब’’ दिया गया है और पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में भारतीय सैनिकों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा।
जनरल नरवणे ने कहा, हम बातचीत और राजनीतिक प्रयासों के माध्यम से विवाद हल करने के लिए प्रतिबद्ध
हैं लेकिन किसी को भी हमारे धैर्य की परीक्षा लेनी की गलती नहीं करनी चाहिए। उन्होंने कहा, मैं आपको
आश्वासन देता हूं कि गलवान के नायकों की शहादत व्यर्थ नहीं जाएगी। भारतीय सेना देश की अखंडता एवं
सुरक्षा को कोई आंच नहीं आने देगी।’’ गलवान घाटी में पिछले साल 15 जून को चीनी सैनिकों के साथ संघर्ष
में भारतीय सेना के 20 जवान शहीद हुए थे। चीन ने संघर्ष में हताहत हुए अपने जवानों की संख्या सार्वजनिक
नहीं की है। एक अमेरिकी खुफिया रिपोर्ट के अनुसार चीन के भी 35 सैनिक मारे गये थे। उन्होंने कहा कि
स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए भारत और चीन के बीच आठ दौर की सैन्य वार्ता भी हुई है। उन्होंने कहा,
हम आपसी और समान सुरक्षा के आधार पर वर्तमान स्थिति का समाधान खोजना जारी रखेंगे। पाकिस्तान की
ओर से सीमा पार आतंकवाद का जिक्र करते हुए कहा कि पड़ोसी देश आतंकवादियों को लगातार पनाहगाह
मुहैया करा रहा है। उन्होंने कहा, दुश्मन को अन्य सीमा पर कड़ा जवाब दिया जा रहा है। पाकिस्तान लगातार
आतंकवादियों को पनाहगाह मुहैया रहा है। नियंत्रण रेखा पर मौजूद शिविरों में 300 से 400 आतंकवादी
घुसपैठ को तैयार हैं। उन्होंने कहा, पिछले साल संघर्ष विराम उल्लंघन की घटनाओं में 40 प्रतिशत की वृद्धि
हुई, जो पाकिस्तान की भयावह साजिशों को प्रतिबंबित करती है। वे ड्रोन के जरिए हथियारों की तस्करी करने
की कोशिश भी कर रहे हैं।