काशी का श्रृंगार रुद्राक्ष के बिना अधूरा : प्रधानमंत्री मोदी

asiakhabar.com | July 15, 2021 | 5:36 pm IST

वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी को रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर समेत
1475 करोड़ की सौगात देने सुबह पहुंच गए। सुबह 10:30 बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर वायुसेना का विमान

बाबतपुर एयरपोर्ट पर पहुंचा तो उनका स्‍वागत करने के लिए शासन प्रशासन के शीर्ष अधिकारी मौजूद रहे। पीएम
को लेकर भारतीय वायुसेना का विमान एप्रन पर पहुंचा तो विमान से उतरने के बाद राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और
मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने उनकी अगवानी की।
आगवानी के बाद सभी से मुलाकात करने के बाद पीएम चॉपर हेलीकॉप्टर से बीएचयू की ओर सुबह 10.50 बजे
रवाना हो गए और उनका हेलिकाप्‍टर बीएचयू के आइआइटी टेक्‍नो ग्राउंड पर सुबह 11.02 बजे पहुंच गया। इसके
बाद सीएम का संबोधन हुआ और पीएम ने सुबह 11. 27 बजे सभी योजनाओं को जनता को समर्पित किया।
संबोधन के बाद पीएम बीएचयू के एमसीएच का निरीक्षण करने पहुंचे और कोरोना की तीसरी लहर से बचाव की
तैयारियों का जायजा लेने के बाद साथ 18 कोरोना वारियर्स से बात की। इसके बाद पीएम ने दोपहर दो बजे जापान
के सहयोग से बने रुद्राक्ष कन्‍वेंशन सेंटर का लोकार्पण किया।
रुद्राक्ष का लोकार्पण कर बोले पीएम : काशी के प्रबुद्ध जनों को पीएम ने संबोधित किया। बताया कि लंबे समय
बाद आपके बीच आने का मौका मिला है। बनारस का मिजाज ऐसा है कि अरसा भले लंबा हो जाए लेकिन शहर
मौका मिलने पर एक साथ रस भरकर दे देता है। काशी ने बुलाया तो एक साथ विकास कार्यों की झड़ी लगा दी।
महादेव के आशीर्वाद से काशीवासियों ने विकास की गंगा बहा दी है। सैकड़ों करोड़ की योजनाओं का लोकार्पण और
शिलान्‍यास हुआ है। काशी का वैभव आधुनिक स्‍वरुप के अस्‍तित्‍व में आ रहा है। बाबा की नगरी थमती और
रुकती नही है। स्‍वभाव को सिद्ध किया है। कोरोना में दुनिया ठहर गई तो काशी संयमित हुई अनुशासित हुई
लेकिन स्रजन और विकास की धारा बहती रही। काशी के विकास के आयाम इंटरनेशनल सेंटर रुद्राक्ष आज इसी
रचनात्‍मकता और गतिशीलता का परिणाम है। काशी के हर जन को बधाई देता हूं। भारत के परम मित्र जापान
और पीएम के साथ जापान के राजदूत को भी धन्‍यवाद देता हूं। जापान के पीएम का संदेश देखा। उनकी वजह से
यह उपहार मिला है। जापानी पीएम उस समय चीफ सेक्रेटरी थे और तबसे इसमें व्‍यक्तिगत तौर पर शामिल रहे।
इस आयोजन में एक और व्‍यक्ति जिनको भूल नहीं सकता। शिंजो आबे जी, मुझे याद है जब वह पीएम के तौर
पर काशी आए थे तो रुद्राक्ष के आइडिया पर लंबी चर्चा की। उन्‍होंने तुरंत अधिकारियों को निर्देश दिया और जापान
के कल्‍चर पर परफेक्‍शन और प्‍लानिंग के साथ काम किया और आज भव्‍य इमारत काशी की शोभा बढ़ा रही
है। भविष्‍य की संभावनाओं का स्रोत है। अपने पन पर जापान से ऐसे ही सांस्‍कृतिक संबंध की रूपरेखा खींची थी।
विकास के साथ दोनों देशों के रिश्‍तों में मिठास का अध्‍याय लिखा जा रहा है। रुद्राक्ष के साथ ही गुजरात में भी
जापान में जापानी गार्डन और एकाडमी का लोकार्पण हुआ था। वैसे ही जैन गार्डन भी दोनों देशों के बीच सुगंध
फैला रहा है। जापान भारत के सबसे विश्‍वसनीय दोस्‍तों में एक है। पूरे क्षेत्र में नैचुरल पार्टनर में एक हैं। विकास
और इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर में जापान हमारा साझेदार है। हाईस्‍पीड रेल, कारीडोर जापान के सहयोग से न्‍यू इंडिया की
ताकत बन रहे हैं। हमारा विकास हमारे उल्‍लास के साथ जुड़ा होना चाहिए। विकास सर्वमुखी सबके लिए और
सबको जोड़ने वाला होना चाहिए। पुराणों में कहा गया है कि सबके हित के लिए सबके कल्‍याण के लिए आंसुओं
से गिरा रुद्राक्ष है, उनकी अंश्रुबूंंद मानव प्रेम का प्रतीक है। रुद्राक्ष भी दुनिया को आपसी प्रेम कला संंस्‍कृति से
जोड़ने का काम करेगा। काशी सबसे पुराना शहर है। सीर से सारनाथ ने सबकुछ संजोकर रखा है। ठुमरी दादरा
ख्‍याल कजरी चैती जैसी बनारस की चर्चित विख्‍यात गायन शैलियां सारंगी पखावज शहनाई हो बनारस के रोम
रोम से गीत संगीत कला झरती है। घाटों पर कलाएं विकसित हुईं। बनारस गीत संगीत और धर्म आध्‍यात्म विज्ञान
का केंद्र है। कल्‍चरल इवेंट के लिए बनारस आइडियल लोकेशन है। लोग देश विदेश से आना चाहते हैं। सुविधा
मिले तो कला जगत के लोग बनारस को प्राथमिकता देंगे। रुद्राक्ष इन्‍हीं को साकार करेगा और केंद्र बनेगा। बनारस
में कवि सम्‍मेलन के फैन दुनिया में हैं। इस सेंटर में 1200 लोगों के बैठने की सुविधा है, पार्किंग और दिव्‍यांगों

के लिए सुविधा है। हैंडीक्राफ्ट और शिल्‍प को पहचान मिल रही है। कारोबारी गतिविधि भी बढ़ रही है। इसका
उपयोग बिजनेस में किया जा सकता है। काशी का पूरा क्षेत्र साक्षात शिव हैं। सारी विकास परियोजनाओं से काशी
का श्रंगार हो रहा है तो बिना रुद्राक्ष के कैसे पूरा हो सकता था। अब रुद्राक्ष काशी ने धारण कर लिया है तो शोभा
बढ़ेगी। इसका पूरा उपयोग करना है। सांस्‍कृतिक सौंदर्य प्रतिभा को इससे जोड़ना है। भारत जापान को भी इससे
मजबूती मिलेगी। महादेव के आशीर्वाद से काशी की पहचान बनेगा यह केंद्र। जापान सरकार, प्रधानमंत्री का आभार
व्‍यक्‍त करता हूं और बाबा आप सभी को खुश स्‍वस्‍थ और सजग रखें। कोरोना प्रोटोकाल का पालन करें। हर
हर महादेव। धन्‍यवाद।
रुद्राक्ष कन्‍वेंशन सेंटर का लोकार्पण : दोपहर 1.50 बजे रुद्राक्ष इंटरनेशनल कन्‍वेंशन सेंटर पहुंचकर पीएम नरेंद्र
मोदी ने परिसर में रुद्राक्ष का एक पौधा रोपकर इस भवन का औपचारिक रूप से उद्घाटन किया। इस दौरान जापान
सरकार की ओर से प्रतिनिध के रूप में भारत में जापान के राजदूत सातोशी सुजुकी भी मौजूद रहे। भवन का
लोकार्पण करने के बाद पूरे परिसर का पीएम ने निरीक्षण करने के बाद प्रबुद्ध जनों को संबाेधित भी किया। इस
दौरान जापानी निर्माण प्रतिनिधि मंडल भी मौजूद रहा। आयोजन के दौरान प्रधानमंत्री को मुख्‍यमंत्री योगी
आदित्‍यनाथ ने रुद्राक्ष पर आधारित मॉडल भेंट करने के साथ रुद्राक्ष पर ही बने अंगवस्‍त्र को भेंट किया। वहीं
रुद्राक्ष पर बने एक वृत्‍तचित्र को भी सीएम के संबोधन के बाद दिखाया गया। वहीं जापान के प्रधानमंत्री योशिहुदे
सुगा का रिकार्डेड वीडियो संबोधन भी इस दौरान सुनाया गया। जिसमें जापान के पीएम ने भारत जापान के संबंधों
पर अपने विचार रखते हुए इसे आगे भी जारी रखने के प्रति अपनी वचनबद्धता दोहराई।
कोरोना से लड़ने की तैयारियों का लिया जायजा : लोगों को संबोधित करने के बाद पीएम बीएचयू एमसीएच विंग
गए और 18 कोरोना योद्धाओं से मुलाकात की। इस दौरान उन्‍होंने कोरोना की तीसरी लहर से बचाव के लिए चल
रही तैयारियों को लेकर विशेषज्ञों से बात कर तैयरियों का निरीक्षण किया। कोरोना की तीसरी लहर से निपटने के
लिए चिकित्‍सा और स्‍वास्‍थ्‍य की तैयारियों को लेकर आधुनिक मशीनों, लैब, आक्‍सीजन, बेड की उपलब्‍धता
और कोरोना की दवाओं पर शोध को लेकर विशेषज्ञों से उनके अनुभवों पर बात कर तैयारियों की सराहना की।
कोरोना की तीसरी लहर में बच्‍चों के लिए चल रही विशेष तैयारियों से भी पीएम इस दौरान अवगत हुए। वहीं मातृ
शिशु स्‍वास्‍थ्‍य को समर्पित एमसीएच विंग की आधुनिक सुविधाओं का भी उन्‍होंने निरीक्षण किया। यहां पर सौ
बेड का विशेष विंग महिला और शिशु स्‍वास्‍थ्‍य पर आधारित निर्मित किया गया है। इसी प्रकार का जिला
अस्‍पताल में भी 50 बेड का वार्ड तैयार किया गया है। इस प्रकार जिले में कुल 150 नए महिला-शिशु स्‍वास्‍थ्‍य
पर आधारित बेड आधुनिक सुविधाओं के साथ सेवा देने के लिए तैयार हैं।
हर साल 1000 युवाओं को ट्रेनिंग देगा सिपेट, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी में किया शिलान्यास :
पीएम ने सुबह 11.35 बजे मंच से जनता को संबोधित किया और लंबे समय बाद लोगों से सीधा संवाद करने की
वजहों को कोरोना काल बताते हुए जनता का अभिवादन करते हुए भोजपुरी में संवाद किया। कहा क‍ि बीमारियों से
जूझने के दौरान सौ साल में पूरी दुनिया में आई सबसे बड़ी आफत है। इसलिए कोरोना से निपटने में यूपी के
प्रयास उल्‍लेखनीय है। काशी के साथियों और शासन प्रशासन संग कोरोना योद्धाओं की टीम का आभारी हूं। कभी
आधी रात को फोन किया तो लोग मोर्चे पर तैनात मिले। आपने प्रयासों में कोई कमी नहीं छोड़ी। इसी का नतीजा
है कि यूपी में हालत संभलने लगा है। यूपी में सबसे अधिक टेस्टिंग हो रही है। यूपी पूरे देश में सबसे अधिक
वैक्‍सीनेशन का राज्‍य है। सबको मुफ्त वैक्‍सीन मिल रही है। गरीब किसान नौजवान को फ्री वैक्‍सीन लगाई जा

रही है। मेडकिल कालेज चार गुना हो चुका है। संंसाधनों में तेजी से इजाफा हो रहा है। बनारस में ही चौदह
आक्‍सीजन प्‍लांट का लोकार्पण हुआ है। बच्‍चों के लिए विशेष आक्‍सीजन और आइसीयू विकसित करने का
बीड़ा यूपी सरकार ने उठाया है। कोरोना की स्‍वास्‍थ्‍य सेवाओं का विशेष पैकेज घोषित किया है। पूर्वांचल मेडिकल
का हब बन रहा है। महिलाओं और बच्‍चों की चिकित्‍सा से जुड़े अस्‍पताल बनारस को मिले हैं। सौ बेड बीएचयू
और 50 बेड जिला अस्‍पताल में जुड़ रहे हैं। नेत्र संस्‍थान में आंखों से जुड़ी बीमारियों का लाभ भी मिल पाएगा।
काशी मौलिक पहचान के साथ ही विकास के पथ पर तेजी से अग्रसर है। आठ हजार की परियोजनाओं पर काम
चल रहा है। यह काशी को और जीवंत कर रहे हैं।
पैक हाउस से वाराणसी की सब्जी की विदेशी उड़ान होगी आसान, दिसंबर 2019 से शुरू हुआ था निर्यात :
मां गंगा की स्‍वच्‍छता के लिए भी प्रयास हो रहा है। पंचक्रोशी मार्ग सुधार से गांवों की स्थिति और पूर्वांचल में
भी सुधार आएगा। गोदौलिया में मल्‍टीलेवर पार्किंग से किचकिच कम होगी। लहरतारा से चौकाघाट तक राहत
मिलेगी। जन सुविधाओं का काम पूरा हो जाएगा। यूपी के किसी भी परिवार को परेशान नहीं होना पड़े इसलिए हर
घर जल अभियान पर काम हो रहा है। सीसीटीवी सर्विलांस, स्‍क्रीन और इसपर प्रसारण पूरे शहर में संभव हो
पाएगा। रो रो सेवा और क्रूज बोट का संचालन होने से पर्यटन में इजाफा होगा और नाविक साथियों को लाभ
मिलेगा। डीजल से नावें सीएनसी में हो रही हैं। पर्यावरण और पर्यटन में लाभ होगा खर्च भी कम होगा। रुद्राक्ष को
भी काशीवासियों काे सौंपने जा रहा हूं। विश्‍व स्‍तरीय साहित्‍याकार, संगीतकारों ने विश्‍व स्‍तर पर धूप मचाई
है। उनकी कलाओं के प्रदर्शन के लिए कोई सुविधा नहीं दी है। अब सभी को अपनी कला दिखाने के लिए एक
आधुनिक मंच मिल रहा है। पुरातन वैभव की समृद्धि ज्ञान की गंगा से जुड़ी है। काशी के ज्ञान विज्ञान में विकास
निरंतर जरूरी है। आधुनिक शिक्षा केंद्र युवाओं के लिए काशी की भूमिका को और मजबूत करेंगे। सीपैट सेंटर के
लिए बधाई देता हूं। दुनिया के बड़े निवेशक आत्‍मनिर्भर भारत के महायज्ञ से जुड़ रहे हैं। यूपी इसमें अग्रणी होकर
उभर रहा है। पहले यूपी में कारोबार मुश्किल था, आज मेक इन इंडिया में यूपी की भूमिका बढ़ी है। सड़क, रेल और
हाइवे संपर्क में सुधार से जीवन आसान हो रहा है। कारोबार में भी इससे सहूलियत मिली है। यूपी को चौड़ी और
आधुनिक सड़कों का काम तेजी से चल रहा है। डिफेंस कारीडोर, पूर्वांचल, बुंदेलखंड, लिंक या गंगा एक्‍सप्रेस हो
इससे यूपी के विकास को बुलंदी मिलेगी। इन पर गाड़‍ियां ही नहीं इनके इर्द गिर्द आत्‍मनिर्भर भारत के लिए
औद्योगिक इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर भी बढ़ेंगे। कृषि आधारित उद्याेगोंं की भूमिका भी बढ़ेगी। मंडियों को समृद्ध और
विकल्‍प देना सरकार की प्राथमिकता है। कृषि से जुड़े कारोबार को लेकर काम लगातार चल रहा है। वाराणसी
पूर्वांचल पेरिशेबल कार्गो सेंटर, राइस सेंटर, पैकेजिंग सब किसानों को लाभ मिल रहा है। बनारसी लंगड़ा यूरोप से
खाड़ी तक मिठास फैला रहा है। क्षेत्र को एग्रो हब बनने में मदद मिलेगी। काशी में फल सब्‍जी निर्यात से सभी को
लाभ मिलेगा। विकास कार्यों की लिस्‍ट लंबी है जल्‍दी खत्‍म नहीं होगा। समय का अभाव होता है तो सोचना
पड़ता है कि किसकी चर्चा करुं और किसे छोड़ दूं। यह सब यूपी सरकार की निष्‍ठा का प्रमाण है। ऐसा नहीं है कि
2017 से पहले यूपी के लिए योजनाएं नहीं थीं। 2014 में सेवा करने का मौका मिला तक भी दिल्‍ली से इतने ही
प्रयास होते थे। तब लखनऊ में उनमें रोड़ा लग जाता था। आज योगी जी खूब मेहनत कर रहे हैं। काशी के लोग
देखते हैं कि योगी जी खूब ऊर्जा लगाकर कामों को गति देते हैं। हर जिले में सीएम जाते हैं। यही वजह है कि यूपी
में बदलाव के यह प्रयास आज आधुनिक यूपी बनाने में तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। यूपी में माफ‍िया और आतंकवाद
पर अब कानून का शिकंजा है। बहन बेटियों की सुरक्षा को लेकर मां बाप चिंता में थे वह हालात बदल गया है।
बहन बेटियों पर आंख उठाने वाले कानून से बच नहीं पा रहे हैं। यूपी में सरकार आज भ्रष्‍टाचार और भाई
भतीजावाद से नहीं विकास वाद से चल रहा है। आज यूपी में जनता की योजना का लाभ जनता से मिल रहा है।

आज यूपी में नए उद्याेगों का निवेश हो रहा है। विकास प्रगति की यात्रा में यूपी का जन जन की भागीदारी शामिल
है। सबको फ्री टीका लग रहा है, सभी को कोरोना का टीका जरूर लगाएं और कोरोना से सबको बचाएं। सभी पर मां
गंगा और बाबा विश्‍वनाथ का आशीर्वाद बना रहे।
शिलान्यास की सूची में शामिल मुख्य परियोजनाएं
-केंद्रीय पेट्रोकेमिकल्स इंजीनियरिंग एवं टेक्नीकल इंस्टीट्यूट (सिपेट) का स्किलिंग एंड टेक्निकल सपोर्ट सेंटर
(सीएसटीसी) महगांव में -48.14 करोड़
-आइटीआइ महगांव -14.16 करोड़
-राजघाट प्राथमिक विद्यालय आदमपुर जोन -2.77 करोड़
-सिस वरुणा में वाटर सप्लाई परियोजना -108.53 करोड़
-ट्रांस वरुणा में वाटर सप्लाई परियोजना -19.49 करोड़
-वाटर ट्रीटमेंट प्लांट भेलूपुर सोलर पावर -17.24 करोड़
-सिस वरुणा में पेयजल संचालन पर कार्य -7.41 करोड़
-कोनिया घाट क्षेत्र में सीवर लाइन बिछाने से जुड़ी परियोजना -15.03 करोड़
-नगर के घाट पर पंपिंग स्टेशन, सीवेज पंपिंग आदि -9.64 करोड़
-कोनिया पंपिंग स्टेशन पर 0.8 मेगावाट क्षमता का सोलर पावर प्लांट-5.89 करोड़
-मुकीमगंज व मछोदरी क्षेत्र में सीवर लाइन परियोजना -2.83 करोड़
-लहरतारा चौकाघाट फ्लाईओवर के नीचे अरबन प्लेस मेकिंग -8.50 करोड़
-करखियांव औद्योगिक क्षेत्र में मैंगो एवं वेजिटेबल इंटीग्रेटेड पैक हाउस का निर्माण -15.78 करोड़
-पुलिस लाइन में ट्रांजिट हास्टल, आर्थिक अपराध अनुसंधान संगठन सेक्टर इकाई का कार्यालय भवन -26.70
करोड़
-रायफल एवं पिस्टल शूटिंग रेंज का निर्माण -5.04 करोड़

-47 ग्रामीण संपर्क मार्ग कुल लंबाई 152 किलोमीटर का निर्माण, चौड़ीकरण -111.26 करोड़
-जल जीवन मिशन कार्यक्रम के अंतर्गत हर घर नल योजना-428.54 करोड़।
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रेटिंग
: कारपोरेट और कल्चर टूरिज्म को गति देगा वाराणसी का 'रुद्राक्ष', अंतरराष्ट्रीय स्तर के आयोजन से पर्यटन को
मिलेगा विस्तार
इन प्रमुख योजनाओं का हुआ लोकार्पण
-रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर-186 करोड़
-मल्टीलेबल पार्किंग-19.55 करोड़
-पुरानी सीवर लाइन का सीआइपीपी लाइनिंग जीर्णोद्धार-21.09 करोड़
-सीवर जीर्णोद्धार कार्य-8.12 करोड़
-चार पार्कों का सौंदर्यीकरण-4.45 करोड़
-बीएचयू में 100 बेड एमसीएच विंग-45.50 करोड़
-दीनदयाल अस्पताल पांडेयपुर में 50 बेड महिला अस्‍पताल-17.39 करोड़
-बीएचयू में रीजनल इंस्टीट्यूट ऑप्‍थैल्मोलॉजी-29.63 करोड़
-श्री लाल बहादुर शास्त्री चिकित्सालय रामनगर आवास-11.97 करोड़
-14 अस्पतालों तथा स्वास्थ्य केंद्रों में पीएसए ऑक्सीजन जनरेशन-11 करोड़
-बीएचयू में 80 टीचर रेजिडेंशियल फ्लैट-46.71 करोड़
-मछोदरी स्मार्ट सीनियर सेकेंडरी स्कूल व स्किल डेवलपमेंट सेंटर-14.21 करोड़

-चार स्कूल एवं कालेज में तीन महिला छात्रवास, क्लास व लैब-5.79 करोड़
-गंगा नदी में पर्यटन विकास के लिए दो रो पैक्‍स का संचालन-22 करोड़
-राजघाट से अस्सी तक जलयान का संचालन-10.72 करोड़
-84 घाटों पर सूचना पट्ट का स्थापन कार्य-5.08 करोड़
-रामेश्वर में विश्राम स्थल-8 करोड़
-पंचकोस परिक्रमा मार्ग 33.91 किमी. व चौड़ीकरण-62.04 करोड़
-वाराणसी-गाजीपुर मार्ग थ्री लेन उपरिगामी सेतु-50.17 करोड़
-श्यामा प्रसाद रूर्बन मिशन अंतर्गत दो पेयजल परियोजना-7.72 करोड़
-विश्व बैंक सहायतित नीर निर्मल परियोजना-दो अंतर्गत 11 पेयजल परियोजना-61 करोड़।
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