नई दिल्ली। इस बार गणतंत्र दिवस के मौके पर इतिहास अपने आप को दोहराएगा, जब इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो गणतंत्र दिवस के कार्यक्रम के मुख्य अतिथि होंगे। इससे पहले 1950 में पहले गणतंत्र दिवस के अवसर पर उस वक्त के इंडोनेशिया के राष्ट्रपति सुकर्णो मुख्य अतिथि थे और इतिहास के उस सुनहरे दौर के गवाह बने थे।
इस बार जोको विडोडो अकेले नहीं होगे बल्कि उनके साथ नौ आसियान देशों के राष्ट्राध्यक्ष भी रहेंगे जो गणतंत्र दिवस समारोह के मुख्य अतिथि होंगे और देश की सांस्कृतिक झलक, सामरिक शक्ति के साथ बढ़ते भारत की तस्वीर से रुबरू होंगे।
आसियान के बेहतर रिश्तों की दिखेगी झलक-
इस मामले को ज्यादा विस्तार से बताते हुए विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा कि “वर्तमान में जरूरत है भारत और आसियान देशों के बीच बेहतर होते रिश्तों को युवाओं तक पहुंचाने की।
ऐसा पहली बार हुआ है कि 10 देशों के राष्ट्राध्यक्षों को गणतंत्र दिवस के मौके पर बतौर मुख्य अतिथि आमंत्रित किया गया है। इस बात के संकेत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात के दौरान कही थी कि इस बार का गणतंत्र दिवस कुछ खास रहेगा”।
आसियान राष्ट्रों के राष्ट्रप्रमुख होंगे मुख्य अतिथि-
गणतंत्र दिवस के मौके पर इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो, म्यानमार की स्टेट काउंसलर आंग सन सू की, सिंगापुर के प्रधानमंत्री ली लूंग, मलेशिया के प्रधानमंत्री नजीब रजाक, थाइलैंड के प्रधानमंत्री प्रयुत चान ओचा, वियतनाम के पीएम नयून तंग जंग, फिलिपींस के राष्ट्रपति रौड्रिग दुतार्तो, कंबोडिया के पीएम हुन सेन, लाओस के पीएम थोंगलोउन सिसोउलिथ और ब्रुनेई के सुल्तान हसन अल बोल्किया बदलते भारत की झलक के गवाह बनेंगे।
आसियान देशों को समर्पित होगी दो झांकियां-
मंगलवार को हुई गणतंत्र दिवस की फूल ड्रेस रिहर्सल के बाद मेजर जनरल राजपाल पूनिया ने कहा कि “परेड के दौरान सेना के जवान तिरंगे के साथ दस आसियान देशों के झंडे को लेकर मार्च करेंगे।
इस अवसर पर निकलने वाली 23 झांकियों में से दो आसियान देशों को समर्पित रहेगी, जिसमें आसियान देशों की शिक्षा, कारोबार, संस्कृति और धर्म की झलक होगी साथ में बच्चे इन देशों के गानों को भी गाएंगे। “