आसियान देशों के साथ आज होगी पीएम मोदी की अहम बैठक

asiakhabar.com | January 25, 2018 | 5:07 pm IST

नई दिल्ली। चीन के साथ तल्ख होते रिश्तों के बाद अपनी “लुक ईस्ट नीति” को धार देने में जुटे भारतीय कूटनीति के लिए अगले दो दिन बेहद महत्वपूर्ण होंगे। गुरुवार को एशिया के सबसे मजबूत संगठन आसियान के दस सदस्य देशों के राष्ट्राध्यक्षों या उनकी सरकारों के प्रमुखों के साथ पीएम नरेंद्र मोदी की बैठक पर एशिया की ही नहीं दूसरे महाद्वीपों के देशों की भी नजरें टिकी हुई हैं। चीन की बढ़ती ताकत के खिलाफ एशिया में हो रही लामबंदी को देखते हुए इस बैठक की अहमियत तो है ही लेकिन भारत इन देशों के रक्षा क्षेत्र में अपना बड़ा बाजार भी देख रहा है।

ये सभी नेता शुक्रवार को गणतंत्र दिवस समारोह में राजकीय अतिथि होंगे। यह पहला मौका होगा जब गणतंत्र दिवस समारोह में एक साथ दस देशों के राष्ट्र प्रमुख राजकीय अतिथि होंगे।बुधवार को आसियान के नौ लीडर नई दिल्ली पहुंच गए। देर शाम को पीएम नरेंद्र मोदी की म्यांमार की स्टेट काउंसलर आंग सान सू की, विएतनाम के पीएम नुएन शुआनफुक और फिलीपींस के राष्ट्रपति रोड्रिगो दुतेर्ते के साथ द्विपक्षीय बैठक भी की। शेष बचे सात देशों के प्रमुखों के साथ पीएम मोदी की गुरुवार को द्विपक्षीय बैठक होगी।

इसके अलावा आसियान-भारत संयुक्त बैठक भी होगी। इसमें समुद्री क्षेत्र में सुरक्षा और सहयोग सबसे अहम विषय होगा। यह विषय ही बताता है कि आसियान देश और भारत के बीच सहयोग की दिशा क्या होने वाली है। आसियान देशों के पास समुद्री क्षेत्र में चीन के दावे को लेकर हर तरफ बेचैनी है। दक्षिण चीन सागर इन सभी विवादों की जड़ है।

जानकार मानते हैं कि इस बैठक में आसियान के सभी सदस्य देश यह भी तौलने की कोशिश करेंगे कि भारत समुद्री क्षेत्र में उनके हितों की सुरक्षा करने की कितनी क्षमता रखता है।पूरे क्षेत्र में चीन के बढ़ते दबदबे पर अभी तक बेहद धीमी स्वर में प्रतिक्रिया दे रहे भारत की आवाज हाल के वर्षों में बुलंद हुई है। डोकलाम और वन बेल्ट-वन रोज जैसे मुद्दे पर जिस तरह से भारत जापान, अमेरिका व अन्य देशों का समर्थन हासिल किया है उससे आसियान देशों की उम्मीदें और बढ़ी हैं।

भारत ने जमीनी व समुद्री मार्ग से आसियान देशों को जोड़ने की अपनी नई योजना का खुलासा भी कर दिया है। इस बारे में मोदी की आसियान नेताओं के साथ और खुल कर बात होगी। खास तौर पर भारत-म्यांमार-थाईलैंड के बीच बनने वाली सड़क परियोजना को आसियान के दूसरे देशों के बीच ले जाने की रणनीति पर इस बैठक में चर्चा होगी। भारत ने हाल ही में जापान, आस्ट्रेलिया और अमेरिका के साथ एक नई रणनीतिक गठबंधन बनाने की शुरुआत की है। आसियान के देशों को इस गठबंधन को लेकर कुछ अपनी चिंताएं हैं जिसको पीएम मोदी को द्विपक्षीय बैठकों में दूर करना होगा।

वित्त मंत्रालय में सचिव (पूर्व) प्रीति शरण का कहना है, “वर्ष 2012 से ही भारत और आसियान देशों के बीच रणनीतिक संबंध है लेकिन उनकी प्रगति इस वर्ष के बाद ज्यादा उल्लेखनीय तरीके से हो सकती है। खास तौर पर रक्षा क्षेत्र में काफी संभावनाएं हैं जिनके द्वार अब खुल सकते हैं।” विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने राजधानी दिल्ली में भारत-आसियान मैत्री पार्क का उद्घाटन किया है। लुटियंस दिल्ली के मध्य में स्थित तुगलक क्रीसेंट में आयोजित समारोह में आसियान के महासचिव ली लूंग मिन्ह ने भी शिरकत की।


Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *