आतंक के खिलाफ मुहिम किसी धर्म के खिलाफ नहींः पीएम मोदी

asiakhabar.com | March 1, 2018 | 4:55 pm IST

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को कहा कि आतंकवाद के खिलाफ मुहिम किसी धर्म के खिलाफ नहीं है बल्कि एक मानसिकता के खिलाफ है। कोई भी धर्म अमानवीय नहीं हो सकता। पीएम दिल्ली में इस्लामिक हैरिटेज कार्यक्रम में बोल रहे थे। इस दौरान कार्यक्रम में जॉर्डन के किंग अब्दुल्ला द्वितीय भी मौजूद थे।

पीएम ने कहा कि इस्लाम की सच्ची पहचान बनाने में जॉर्डन की अहम भूमिका है, जॉर्डन जहां बसा है वहां से खुदा की आवाज पैगम्बरों के माध्यम से दुनिया में गूंजी। दुनिया के सारे धर्म भारत के पालने में पले हैं। यहां की धरती पर हर धर्म की खूशबू है। चाहे वह 2500 साल पहले भगवान बुद्ध हों या पिछली शताब्दी में महात्मा गांधी। अमन और मुहब्बत के पैगाम की खुशबू भारत के चमन से सारी दुनिया में फैली है।

पीएम ने कहा कि यहां से भारत के प्राचीन दर्शन और सूफियों के प्रेम और मानवतावाद की मिलीजुली परम्परा ने मानवमात्र की मूलभूत एकता का पैगाम दिया है। मानवमात्र के एकात्म की इस भावना ने भारत को ‘वसुधैव कुटुम्बकम्’ का दर्शन दिया है।भारत ने सारी दुनिया को एक परिवार मानकर उसके साथ अपनी पहचान बनाई है।

पीएम बोले, हर भारतीय को गर्व है अपनी विविधता की विशेषता पर। अपनी विरासत की विविधता पर, और विविधता की विरासत पर। चाहे वह कोई जुबान बोलता हो। चाहे वह मंदिर में दिया जलाता हो या मस्जिद में सजदा करता हो, चाहे वह चर्च में प्रार्थना करे या गुरुद्वारे में शबद गाए। दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र भारत में लोकतंत्र एक राजनैतिक व्यवस्था ही नहीं बल्कि समानता, विविधता और सामंजस्य का मूल आधार है। यह वो शक्ति है जिसके बल पर हर भारतीय के मन में आपने गौरवशाली अतीत के प्रति आदर है, वर्तमान के प्रति विश्वास है और भविष्य पर भरोसा है।

भारत में हमारी यह कोशिश है कि सबकी तरक्की के लिए सबको साथ लेकर चलें। क्योंकि सारे मुल्क की तकदीर हर शहरी की तरक्की से जुड़ी है। क्योंकि मुल्क की खुशहाली से हर एक की खुशहाली बाबस्ता है। मजहब का मर्म अमानवीय हो ही नहीं सकता। हर पन्थ, हर संप्रदाय, हर परंपरा मानवीय मूल्यों को बढ़ावा देने के लिए ही है।

इसलिए, आज सबसे ज्यादा जरुरत ये है कि हमारे युवा एक तरफ मानवीय इस्लाम से जुड़े हों और दूसरी तरफ आधुनिक विज्ञान और तरक्की के साधनों का इस्तेमाल भी कर सकें।


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