मोदी सरकार जम्मू-कश्मीर में बातचीत की प्रक्रिया शुरू करेगी। खुफिया विभाग के पूर्व प्रमुख दिनेश्वर शर्मा भारत सरकार के प्रतिनिधि होंगे। केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सरकार की इस महत्वपूर्ण पहल और फैसले की जानकारी दी।
राजनाथ सिंह ने कहा कि केन्द्र सरकार के प्रतिनिधि जम्मू-कश्मीर में सभी धड़ों के लोगों से मिलेंगे और उनकी तर्कसंगत आकांक्षाओं को समझेंगे। मध्यस्थता करने वाले दिनेश्वर शर्मा को कैबिनेट सेक्रटरी का रैंक दिया जाएगा। शर्मा तय करेंगे कि किससे बात करनी है।
हालांकि बातचीत की कोई समयसीमा तय नहीं की गई है।
राजनाथ सिंह ने हुर्रियत से बातचीत से इनकार नहीं किया है।
दिनेश्वर शर्मा ने कहा – ‘यह बहुत बड़ी जिम्मेदारी है, उम्मीदों पर खरा उतने की पूरी कोशिश करूंगा।’
आपको बता दें की पीएम मोदी ने लाल किले की प्राचीर से कहा था कि जम्मू-कश्मीर की समस्या न तो गोली से सुलझेगी और न ही गाली से। ये समस्या हर कश्मीरी को गले लगाने से हल होगी। गले लगाने से ही परिवर्तन होगा।
2010 में भी मनमोहन सरकार ने भी तीन सदस्यों की एक कमिटी बनाई थी।