हैदराबाद। तेलगू कवि वरवर राव के भतीजे ने शनिवार को दावा किया कि सामाजिक कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारियों को माओवादियों से जोड़ने वाले ‘‘ठोस सबूत’’ और सभी सबूत पहले से ही ‘गढ़े’ हुए हैं। उन्होंने बताया कि पुलिस के दावों में कुछ भी नया नहीं है। वरवर राव के भतीजे वेणुगोपाल ने कहा, ‘यह सब जून में कहा गया था। इसमें कुछ भी नया नहीं है। जब उच्चतम न्यायाल ने छह सितंबर को सबूत सौंपने के लिए कहा है तो संवाददाता सम्मेलन करना गैरकानूनी है।’
उन्होंने कहा कि यह मामला न्यायालय के विचाराधीन है और उन्होंने इसे न्यायालय की अवमानना बताया। उन्होंने कहा, ‘इस पुलिस अधिकारी के पास संवाददाता सम्मेलन करने का अधिकार नहीं है।’ वेणुगोपाल ने दावा किया कि पुलिस अधिकारी जानता था कि ‘‘सबूत’’ गढ़े हुए हैं और उन्होंने गिरफ्तार लोगों को बदनाम करने के लिए ही संवाददाता सम्मेलन किया।
उच्चतम न्यायालय ने उन्हें उसके समक्ष जानकारियां देने के लिए कहा था, ना कि प्रेस को। उन्होंने कहा, ‘इसमें एक सप्ताह का समय था। एक सप्ताह के भीतर वह प्रेस में चले गए, केवल इन लोगों को बदनाम करने के लिए। यह मीडिया ट्रायल है जिसे पुलिस चला रही है।’ उन्होंने कहा, ‘मैं सबूतों के सही-गलत होने पर नहीं जा रहा। वह सबूत नहीं है। वह मनगढ़ंत, गढ़ा हुआ है।’
वेणुगोपाल ने दावा किया कि कांग्रेस, राकांपा और यहां तक कि शिवसेना ने जून में बयान जारी कर कहा था कि पुलिस द्वारा पेश किए गए सभी सबूत गढ़े हुए और राजनीति से प्रेरित हैं। पुलिस ने शुक्रवार को दावा किया था कि उनके पास जून में तथा इस सप्ताह गिरफ्तार किए गए वामपंथी कार्यकर्ताओं के माओवादियों से संबंधों के ‘‘ठोस सबूत’’ हैं। पुलिस ने कहा कि उनमें से एक ने मोदी राज का खात्मा करने के लिए राजीव गांधी जैसी घटना को अंजाम देने की बात कही थी।
अतिरिक्त महानिदेशक (कानून एवं व्यवस्था) परमबीर सिंह ने मुंबई में कहा था कि गिरफ्तार कार्यकर्ताओं में से एक रोना विल्सन तथा एक माओवादी नेता के बीच ईमेल में ‘राजीव गांधी जैसी घटना’ से ‘‘मोदी-राज’’ खत्म करने की बात थी। महाराष्ट्र पुलिस ने 28 अगस्त को विभिन्न शहरों में छापे मारे और माओवादियों के साथ संबंधों के आरोप में राव समेत पांच लोगों को गिरफ्तार किया। हैदराबाद में वरवर राव, उनकी दो बेटियों तथा एक पत्रकार के घर की तलाशी ली गई।