डाक भुगतान बैंक की शुरुआत पर मोदी बोले- किसी डिफॉल्टर को कर्ज नहीं दिया

asiakhabar.com | September 1, 2018 | 5:23 pm IST
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कहा कि बैंकों की अधिकांश पूंजी चार-पांच साल पहले तक केवल एक परिवार के करीबी लोगों के लिए आरक्षित रहती थी। प्रधानमंत्री ने भारत डाक भुगतान बैंक की शुरूआत के दौरान यह बात कही। प्रधानमंत्री ने कहा कि इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक देश के अर्थतंत्र में, सामाजिक व्यवस्था में, एक बड़ा परिवर्तन करने जा रहा है। उन्होंने कहा, ”हमारी सरकार ने पहले जनधन के माध्यम से करोड़ों गरीब परिवारों को पहली बार बैंक पहुंचाया और आज से बैंक को ही गांव और गरीब के दरवाज़े पर पहुंचाने का काम शुरु हो गया है।”
डाकिये बैंकों को लाएंगे आपके घर तक 

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारतीय डाक विभाग के पास डेढ़ लाख डाकघर हैं। 3 लाख से अधिक पोस्टमैन देश के जन-जन से जुड़े हैं, इतने व्यापक नेटवर्क को टेक्नॉलॉजी से जोड़कर 21वीं सदी में सेवा का सबसे शक्तिशाली सिस्टम बनाने का बीड़ा हमने उठाया है। उन्होंने कहा कि अब डाकिए के हाथ में स्मार्ट फोन है और बैग में एक डिजिटल डिवाइस है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि IPPB किसानों के लिए भी एक बड़ी सुविधा सिद्ध होगा। ”प्रधानमंत्री फसल बीमा जैसी योजनाओं को इससे विशेष बल मिलेगा। पोस्ट पेमेंट बैंक के बाद अब योजनाओं की क्लेम राशि भी घर बैठे ही मिला करेगी।” उन्होंने कहा कि सुकन्या समृद्धि योजना के तहत बेटियों के नाम पर पैसा बचाने की मुहिम को भी गति देंगे। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार देश के बैंकों को गरीब के दरवाजे पर लेकर आ गई है। वरना चार-पाँच साल पहले तक तो ऐसी स्थिति बना दी गई थी कि बैंकों का अधिकांश पैसा सिर्फ उन्हीं अमीर लोगों के लिए रिजर्व रख दिया गया था, जो एक परिवार विशेष के करीबी थे।
कांग्रेस पर किया करारा हमला
उन्होंने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा कि इस पार्टी की फोन बैंकिंग ने अर्थव्यवस्था का नुकसान किया, बैंकों ने एक फोन पर उद्योगपतियों को करोड़ों रुपये उधार दिये। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ”हमारे देश में Phone Banking का प्रसार उस समय उतना नहीं हुआ था, लेकिन नामदारों ने Phone पर Banking और फोन पर कर्ज दिलवाने शुरू कर दिए थे। जिस भी बड़े उद्योगपति को लोन चाहिए होता था, वो नामदारों से बैंक को फोन करवा देता था। उन्होंने कहा, ”बैंक वाले, फिर उस व्यक्ति या उसकी कंपनी को झट से करोड़ों रुपए का कर्ज दे देते थे। सारे नियम, सारे कायदे-कानून से बड़ा, उस नामदार परिवार से आने वाला फोन बन गया था। कांग्रेस और उसके नामदारों की Phone Banking ने देश को बहुत नुकसान पहुंचाया।”

डिफॉल्टरों को कर्ज बांटने का संप्रग पर लगाया आरोप
प्रधानमंत्री ने कहा कि बैंकों ने ये जानते हुए कि उनके द्वारा दिए गए लोन की वापसी मुश्किल होगी, परिवार के ऑर्डर के बाद विशेष लोगों को लोन दिया। इतना ही नहीं, जब ऐसे लोग, डीफॉल्ट करने लगे, तो बैंकों पर दबाव बनाकर, उन्हें नए लोन दिलाए गए। ये गोरखधंधा लोन की रीस्ट्रक्चरिंग के नाम पर हुआ। उन्होंने कहा, ”जो लोग इस गोरखधंधे में लगे थे, उन्हें भी अच्छी तरह पता था कि एक ना एक दिन उनकी पोल जरूर खुलेगी। इसलिए उसी समय से हेराफेरी की एक और साजिश साथ-साथ रची गई।” प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि 2014 में जब हमारी सरकार बनी तो सारी सच्चाई सामने आने लगी। तब बैंकों से कड़ाई से कहा गया कि सही-सही आकलन करें कि उनकी कितनी राशि इस तरह का लोन देने की वजह से फंस गई है।
कांग्रेस की आर्थिक नीतियों पर हमला
प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार बनने के कुछ समय बाद ही हमें ऐहसास हो गया था कि कांग्रेस देश की अर्थव्यवस्था को एक लैंडमाइन पर बिठाकर गयी है। उसी समय देश और दुनिया के सामने इसकी सच्चाई रख दी जाती, तो ऐसा विस्फोट होता कि अर्थव्यवस्था संभल नहीं पाती। बहुत ऐहतियात के साथ इस संकट से देश को बाहर निकाला गया। मोदी ने कहा कि हमारी ही सरकार NPA की सच्चाई, पिछली सरकार के इस घोटाले को देश के सामने लेकर आई। उन्होंने कहा कि हमने केवल बीमारी का पता ही नहीं लगाया, बल्कि उसके कारण भी तलाशे और उस बीमारी को दुरुस्त करने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम भी उठाए हैं।
अपनी सरकार की उपलब्धियां गिनाईं
प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले 4 साल में, 50 करोड़ से बड़े सभी loans की समीक्षा की गई है, लोन की शर्तों का कड़ाई से पालन हो, ये सुनिश्चित किया जा रहा है। हमने कानून बदले, बैंकों के मर्जर का निर्णय लिया और बैंकिंग सेक्टर में Professional approach को बढ़ावा दिया। मोदी ने कहा कि 12 बड़े defaulters, जिनको 2014 के पहले लोन दिया था, जिसके NPA की राशि करीब पौने 2 लाख करोड़ रुपये हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई शुरू हो गई और उसके नतीजे आज दिख भी रहे हैं। इसी प्रकार 27 और बड़े लोन खाते हैं, जिनमें 1 लाख करोड़ का एनपीए है। इसकी वापसी का भी इंतजाम किया जा रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि जिनको लग रहा था कि नामदार परिवार की सहभागिता और मेहरबानी से उनको मिले लाखों-करोड़ रुपए हमेशा-हमेशा के लिए उनके पास रहेंगे, हमेशा Incoming ही रहेगी, अब उनके खाते से Outgoing भी शुरू हुई है। प्रधानमंत्री ने कहा कि ऋण न चुकाने वाला कोई भी बड़ा डिफॉल्टर ऐसा नहीं है, जिसे राजग सरकार ने कर्ज दिया हो।

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