जकार्ता। घुटने की चोट से उबरने के बाद सीमा पूनिया का करियर फिर से पटरी पर लौट आया और 35 साल की इस चक्का फेंक एथलीट को लगता है कि उनका करियर अभी खत्म नहीं हुआ है तथा वह 2014 इंचियोन में जीते स्वर्ण पदक का बचाव करने के लिये तैयार हैं। चार बार की राष्ट्रमंडल खेलों की पदकधारी के करियर के बारे में लोग बात कर रहे हैं लेकिन उन्होंने पुष्टि की कि अभी उनका संन्यास लेने का कोई इरादा नहीं है।
सीमा ने ट्रेनिंग सत्र में कहा, ‘‘यह मेरा अंतिम टूर्नामेंट नहीं है। उम्र तो केवल संख्या है। चक्का फेंक में ताकत उम्र और अनुभव के साथ बेहतर होती है। मुझे लगता है कि असली करियर तो अब शुरू होगा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं अपने कोच और ट्रेनर द्वारा निर्धारित किये गये लक्ष्य हासिल कर रही हूं। मैं ट्रेनिंग में अच्छा कर रही हूं इसलिये मैंने गोल्ड कोस्ट राष्ट्रमंडल खेलों में रजत पदक हासिल किया। लक्ष्य तो यहां स्वर्ण पदक हासिल करने का है। लेकिन इसके लिये दिन मेरा होना चाहिए। इसमें काफी अच्छी खिलाड़ी हैं जिसमें चीन की खिलाड़ी मुख्य प्रतिद्वंद्वी होंगी।’’
सीमा खेलों की तैयारियों के लिये कोच एलेक्जैंडर के साथ अमेरिका के न्यूपोर्ट बीच पर ट्रेनिंग कर रही थीं। लक्ष्य के बारे में पूछने पर इस एथलीट ने कहा, ‘‘इन एशियाई खेलों के बाद एशियाई चैम्पियनिशप, विश्व चैम्पियनशिप और 2020 ओलंपिक खेल हैं। जो लक्ष्य पहले दूर दिखता था अब मुझे यह काफी करीब लगता है।’’