नयी दिल्ली। मोबाइल उद्योग के संगठन सेल्युलर आपरेटर्स एसोसिएशन आफ इंडिया (सीओएआई) ने भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के अवांछित कॉल्स और संदेशों को रोकने के लिए नए नियमों पर चिंता जताई है। सीओएआई ने कहा है कि अवांछित कॉल तथा संदेशों को रोकने के लिए प्रणाली को अनुरूप बनाने तथा ब्लॉकचेन प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल की लागत 200 से 400 करोड़ रुपये बैठेगी और इसे शुरू करने में 18 महीने का समय लगेगा। सीओएआई ने कहा कि यह खर्च ऐसे समय करना पड़ेगा जबकि दूरसंचार क्षेत्र पहले से ही वित्तीय संकट झेल रहा है।
सभी आपरेटरों को इन नियमों का अनुपालन दिसंबर तक करना है। सीओएआई के महानिदेशक राजन एस मैथ्यू ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘यह प्रणाली दुनिया में कहीं भी लागू नहीं की गई है। यह बताना मुश्किल है कि इसमें कितनी लागत आएगी और कितना समय लगेगा। अनुमानत: प्रणाली को इसके अनुरूप करने के लिए 200 से 400 करोड़ रुपये का निवेश करने की जरूरत होगी।’’
मैथ्यू ने कहा कि इस प्रणाली को लागू करने की दिसंबर की समयसीमा भी व्यावहारिक नहीं है। उन्होंने कहा कि इस पूरी प्रणाली को लागू करने में एक से डेढ़ साल का समय लगेगा। यह पूछे जाने पर कि क्या इसकी लागत का बोझ उपभोक्ताओं पर डालकर दरों में बढ़ोतरी होगी, मैथ्यू ने कहा कि आमतौर पर लागत का बोझ उपभोक्ताओं पर डाला जाता है, लेकिन इस मामले में सब कुछ बाजार स्थिति पर निर्भर करेगा। ।