वाशिंगटन। अमेरिकी संसद ने 716 अरब डॉलर का रक्षा विधेयक पारित किया है जिसमें भारत के साथ देश की रक्षा भागीदारी मजबूत करने की बात कही गयी है। ओबामा प्रशासन ने भारत को 2016 में अमेरिका के अहम रक्षा साझेदार का दर्जा दिया था। अमेरिकी कांग्रेस में 2019 वित्त वर्ष के लिए जॉन एस मैक्केन नेशनल डिफेंस अथॉराइजेशन एक्ट (एनटीएए) (रक्षा विधेयक) कल 10 मतों के मुकाबले 87 मतों से पारित कर दिया गया। सदन ने पिछले सप्ताह विधेयक पारित किया था।
अब यह कानून बनने के लिए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के हस्ताक्षर के वास्ते व्हाइट हाउस जाएगा। हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स और सीनेट ने संयुक्त कॉन्फ्रेंस रिपोर्ट में कहा कि अमेरिका को भारत के साथ अपनी अहम रक्षा साझेदारी मजबूत करनी चाहिए। दोनों देशों को ऐसी साझेदारी करनी चाहिए जो हमारी सेनाओं के बीच ‘‘रणनीतिक, संचालनात्मक और सामरिक समन्वय बढ़ा सके।’’
कांग्रेस के दोनों सदनों में पारित एनडीएए-2019 के अनुसार अमेरिकी सरकार को मानवीय और आपदा राहत प्रतिक्रिया पर सहयोग तथा समन्वय बेहतर करना, फारस की खाड़ी, हिन्द महासागरीय क्षेत्र और पश्चिम प्रशांत महासागर में भारत के साथ अतिरिक्त संयुक्त अभ्यास करना तथा सुरक्षा एवं स्थिरता को बढ़ावा देने के लिए सहयोगात्मक प्रयास बढ़ाने का प्रावधान है।
विधेयक के अनुसार, कांग्रेस का मानना है कि अमेरिका को जापान, भारत, ऑस्ट्रेलिया और अन्य सहयोगियों तथा साझेदारों के साथ मिलकर मुक्त और खुले हिंद-प्रशांत क्षेत्र के मूल्य बरकरार रखने की दिशा में काम करना चाहिए तथा क्षेत्रीय सुरक्षा और स्थिरता कायम करनी चाहिए।