ब्रसेल्स। रात भर चली गहन वार्ता के बाद यूरोपीय संघ के नेताओं ने शरणार्थियों की जिम्मेदारी उठाने के बारे में एक समझौते पर दस्तखत किए। इससे पहले, एक महीने से शरणार्थी विरोधी सरकार की कमान संभाले इतालवी प्रधानमंत्री जियुसेप कोंते ने ब्रसेल्स की शिखर बैठक के समूचे एजेंडे के लिए संयुक्त दस्तावेज पर तब तक के लिए वीटो कर दिया था जब तक भोर से पहले उनकी मांगें पूरी नहीं की जाती हैं। वह नहीं चाहते थे कि शरणार्थियों का बोझ अकेले इटली को उठाना पड़े।
इटली हाल के हफ्तों में शरणार्थियों की अनेक नौकाएं लौटा चुका है। इससे ताजा राजनीतिक विवाद पैदा हो गया। तकरीबन नौ घंटे चली चर्चा के बाद कोंते ने पत्रकारों से कहा, ‘आज इटली अकेला नही है। हम संतुष्ट हैं।’ यूरोप के 28 नेता अपने महाद्वीप के बाहर ऐसे केन्द्र बनाने के प्रस्ताव पर विचार करने पर राजी हो गए जहां शरणार्थियों को उतारा जाएगा। ज्यादा उम्मीद है कि ये केन्द्र उत्तर अफ्रीका में बनाए जाएंगे।
इससे यूरोपीय संघ के देशों की तरफ रूख करने वाले तस्करों की नौकाओं पर सवार होने से शरणार्थियों को हतोत्साहित किया जा सकेगा। यूरोप के नेता शरणार्थी निबटान केन्द्र भी बनाने पर सहमत हो गए है। स्वेच्छा से बनाए जा सकने वाले इन केन्द्रों में तय किया जाएगा कि आने वाले शख्स को आर्थिक रूप से विस्थापित करार दे कर लौटा दिया जाए या इच्छुक देशों में उसे शरणार्थी के रूप् में स्वीकार कर लिया जाए।