नयी दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने मोदी सरकार की कश्मीर नीति का जोरदार बचाव करते हुए कहा है कि कश्मीर का मुद्दा ‘‘बहुत पुराना’’ है, यह सभी सरकारों के लिए बड़ी चुनौती रहा है और इसे सुलझाने में वक्त लगेगा। राजनाथ ने यह भी कहा कि भाजपा ने ‘‘घाटी में शांति कायम करने और विकास के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ दिया और हर चीज करके देखी।’’ जम्मू – कश्मीर में पीडीपी की अगुवाई वाली सरकार से समर्थन वापस लेने के भाजपा के कल के ऐलान के बाद राजनाथ ने ‘द वीक’ मैगजीन को दिए एक इंटरव्यू में यह टिप्पणियां की। भाजपा द्वारा समर्थन वापस लेने के बाद महबूबा मुफ्ती ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया और राज्य में आज राज्यपाल शासन लागू हो गया।
गृह मंत्री से जब पूछा गया कि क्या मोदी की कश्मीर नीति लचर हो रही है , इस पर उन्होंने कहा , ‘‘ नहीं , मोदीजी की कश्मीर नीति सही है। इसमें कोई संदेह नहीं। थोड़ा वक्त लगेगा, जैसा कि मैंने कहा कि समस्या आज या कल पैदा नहीं हुई है।’’ यह पूछे जाने पर कि क्या उन्हें राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री एवं पीडीपी के संरक्षक रहे दिवंगत मुफ्ती मोहम्मद सईद की कमी महसूस होती है, इस पर राजनाथ ने कहा कि सईद वरिष्ठ और परिपक्व राजनीतिज्ञ थे। राजनाथ ने कहा, ‘‘लेकिन हमें तुलना नहीं करनी चाहिए। उन्होंने (महबूबा मुफ्ती) भी कोशिश की , लेकिन यह आकलन का विषय हो सकता है कि वह कितना सफल रहीं। कश्मीर समस्या काफी पुरानी है और सभी सरकारों के लिए बड़ी चुनौती रही है।’’
उन्होंने कहा , ‘‘ पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद एक बड़ा पहलू रहा है।’’ इस बार की ईद घाटी में हालिया सालों में सबसे ज्यादा खूनखराबे वाला त्योहार होने के मद्देनजर क्या वह मानते हैं कि रमजान के महीने में आतंकवादियों के खिलाफ सुरक्षा बलों के अभियान पर रोक का फैसला एक गलती थी, इस पर राजनाथ ने कहा कि यह सच नहीं है कि पहले ईद के मौकों पर बड़े हमले नहीं हुए। ।गृह मंत्री ने कहा, ‘‘मैं नहीं समझता कि संघर्षविराम एक गलती थी। यह फैसला उन लोगों के बारे में सोच कर लिया गया था जो कश्मीर में शांति चाहते हैं और जो रमजान का महीना इसकी सही भावना के साथ मनाना चाहते थे।’’
उन्होंने कहा कि सुरक्षा बलों को पाकिस्तान से घुसपैठ करने वाले आतंकवादियों को मार गिराने से कभी नहीं रोका गया था और सरकार ने इसे संघर्षविराम का नाम नहीं दिया। उन्होंने कहा कि सरकार ने तो बस एक महीने के लिए अभियान पर रोक लगायी थी। राजनाथ ने सरकार का यह रुख दोहराया कि वह उनसे बात करने को तैयार है जो बातचीत करना चाह रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हम तो पाकिस्तान से भी बात करेंगे , बशर्ते वह हमसे बात करना चाहे। लेकिन पाकिस्तान को पहले अपनी सरजमीं से पैदा होने वाले आतंकवाद की समस्या सुलझानी चाहिए।’’ पाकिस्तान में होने जा रहे राष्ट्रीय चुनावों और क्रिकेटर से नेता बने इमरान खान की पार्टी के सरकार बनाने की अटकलों पर राजनाथ ने कहा, ‘‘हां, पाकिस्तान की सेना इसमें (इमरान खान का समर्थन कर रही) है। ’’