लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती ने जम्मू-कश्मीर में सीमापार गोलीबारी में भारतीय जवानों के लगातार शहीद होने और एक वरिष्ठ पत्रकार की हत्या किये जाने पर दुख जाहिर करते हुए आज कहा कि अब केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार के अपनी कश्मीर नीति पर पुनर्विचार करने का वक्त आ गया है। मायावती ने यहां एक बयान में कहा कि जम्मू-कश्मीर में सीमापार गोलीबारी से लगातार जवान शहीद हो रहे हैं। साथ ही कल कश्मीर में वरिष्ठ पत्रकार शुजात बुखारी की हत्या कर दी गयी। इस सबके मद्देनजर अब समय आ गया है कि मोदी सरकार अपनी अड़ियल नीति को त्याग कर बिना देर किये देशहित में अपनी कश्मीर नीति पर फिर से विचार करे।
उन्होंने कहा कि कश्मीर में पीडीपी और भाजपा की गठबंधन सरकार होने के बावजूद वहां के हालात लगभग बेकाबू हैं और पाकिस्तान सीमा के साथ-साथ राज्य के अंदर भी हिंसा और हत्याओं का दुःखद दौर लगातार जारी है। इसे ध्यान में रखते हुए केन्द्र सरकार को ख़ासकर कश्मीर नीति में परिवर्तन लाना चाहिये और राजनीतिक स्तर पर भी सुधार के प्रयास तेज़ करने चाहिये।मायावती ने कहा, ‘‘भाजपा की कश्मीर नीति पूरी तरह जनहित और देशहित पर आधारित ना होकर पार्टी की संकीर्ण राजनीतिक सोच से ज़्यादा प्रभावित लगती है और शायद यही कारण है कि भाजपा का जम्मू-कश्मीर का नेतृत्व भी स्वार्थ में लिप्त पाया जाता है।’’ मायावती ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ‘अकबर नहीं, बल्कि महाराणा प्रताप महान थे’ के बयान पर नसीहत देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री को सर्वज्ञानी बनकर इतिहास को चुनौती देने के बजाय कम से कम उन मेधावी छात्रों की सुध लेनी चाहिये जो उनके हाथ से लिये गये इनामी रकम के चेक बाउन्स हो जाने से आहत हैं।
बसपा अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि भाजपा शासित राज्यों में सर्वसमाज के ग़रीबों, मजदूरों, उपेक्षितों, शोषितों, दलितों, पिछड़ों और धार्मिक अल्पसंख्यकों के प्रति भेदभाव चरम पर है। उन्होंने महाराष्ट्र के जलगांव जिले के जामनेर में कुएं से नहाने पर पिछड़े समुदाय के दो नाबालिगों को कथित रूप से पीटने और निर्वस्त्र करके गांव में घुमाने की घटना की तीव्र निन्दा करते हुये कहा कि भाजपा सरकारें अगर ऐसे मामलों में सख़्त कार्रवाई करतीं तो इस प्रकार की जातिवादी घटनाओं पर काफी अंकुश लगाया जा सकता था।