नयी दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उनके मंत्रिमंडल के सहयोगी अपनी मांगों को लेकर रातभर उपराज्यपाल कार्यालय में बैठे रहे। अपनी मांगों पर जोर देने के लिए स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू कर दी है। केजरीवाल और उनके मंत्रियों ने आईएएस अधिकारियों को हड़ताल खत्म करने का निर्देश देने और ‘‘चार महीनों’’ से कामकाज रोक कर रखे अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने सहित तीन मांगें रखी हैं। उपराज्यपाल अनिल बैजल के कार्यालय में मौजूद केजरीवाल ने ट्वीट किया, ‘‘सत्येंद्र जैन ने अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू कर दी है। ’’जैन ने उपराज्यपाल के कार्यालय पर दोपहर 11 बजे से भूख हड़ताल शुरू कर दी है।
केजरीवाल, उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और दो अन्य मंत्री गोपाल राय तथा सत्येंद्र जैन ने कल शाम साढ़े पांच बजे उपराज्यपाल अनिल बैजल से मुलाकात की और तब से वे उपराज्यपाल कार्यालय में बैठे हैं। आप के नेता और कार्यकर्ता कल रात से उपराज्यपाल के कार्यालय पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं। यहां भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है। ।कई आप विधायकों और कार्यकर्ताओं ने भी राज्यपाल कार्यालय के बाहर डेरा डाल दिया। पुलिस ने वहां बैरीकेड लगा दिए। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने ट्वीट किया कि मुख्यमंत्री और तीन अन्य मंत्री 18 घंटे से उपराज्यपाल कार्यालय के प्रतीक्षा कक्ष में बैठे हुए हैं। लेकिन उपराज्यपाल अपने इस फैसले पर अड़े है वे ना तो अधिकारियों की हड़ताल वापस लेने का आदेश देंगे और ना राशन घर घर पहुंचाने की योजना की फाइल को मंजूरी देंगे।
बहरहाल, उपराज्यपाल कार्यालय ने धरने की आलोचना करते हुए कहा कि ‘‘बिना किसी कारण धरने’’ की श्रृंखला में एक अन्य प्रदर्शन है। बैजल के कार्यालय से कल शाम जारी एक बयान में कहा गया कि उपराज्यपाल को ‘‘धमकाया’’ गया था। केजरीवाल, सिसोदिया, राय और जैन के हस्ताक्षर वाला एक पत्र सुबह बैजल को भेजा गया जिसमें उनसे आईएएस अधिकारियों की ‘‘हड़ताल’’ को खत्म करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाने के लिए कहा गया है। इसमें उन सभी अधिकारियों को लिखित आदेश जारी करने के लिए भी कहा गया है जो अगर काम पर नहीं लौटे तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी और ‘‘अगर आवश्यकता पड़ी तो उन पर एस्मा भी लगाया जा सकता है।’’ मुख्य सचिव अंशु प्रकाश से कथित मारपीट के बाद से आईएएस अधिकारी हड़ताल पर हैं और वे आप मंत्रियों के साथ बैठकों का बहिष्कार कर रहे हैं जिससे सरकारी कामकाज प्रभावित हो रहा है। हालंकि, अधिकारियों के एक संगठन ने दावा किया है कि कोई भी अधिकारी हड़ताल पर नहीं है और किसी काम पर असर नहीं पड़ा है।