नयी दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने बॉलीवुड निर्माता करीम मोरानी को अभिनेत्री बनने की इच्छा रखने वाली एक महिला से कथित बलात्कार के मामले में तेलंगाना एवं आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय द्वारा दी गई जमानत को बरकरार रखा। न्यायालय ने हालांकि मोरानी द्वारा भरे जाने वाले निजी मुचलके की राशि 50 हजार से बढ़ाकर 10 लाख रुपये कर दी।
मोरानी पर 25 साल की एक महिला से छह महीने तक बलात्कार करने का आरोप है। उन्होंने अपने खिलाफ आरोपों का खंडन किया है। प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति ए एम खानविल्कर और न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ की पीठ ने मोरानी को दी गई राहत को बरकरार रखा। न्यायालय ने कहा कि ऐसी कोई परिस्थिति पैदा नहीं हुई है कि जमानत रद्द कर दी जाए और इस बात का संकेत देने के लिये कोई सामग्री नहीं है कि वह ऐसे आचरण के दोषी हैं कि उन्हें उनकी स्वतंत्रता से वंचित करना जरूरी हो।