राष्ट्रीय राजधानी में अगले सप्ताह जल संकट की आशंका के मद्देनजर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर हरियाणा से पर्याप्त जल आपूर्ति सुनश्चित कराने में हस्तक्षेप की मांग की है। केजरीवाल ने मोदी को आज पत्र लिख बताया कि शहर को पड़ोसी राज्य हरियाणा से 1996 से 1,133 क्यूसेक पानी मिलता रहा है लेकिन 22 साल में पहली बार पड़ोसी राज्य ने हाल में पानी पर दिल्ली के अधिकार का विरोध किया और राष्ट्रीय राजधानी को आंशिक रूप से जल आपूर्ति रोक दी।
उन्होंने बताया, ”उच्चतम न्यायालय ने हरियाणा को निर्देश दिया है कि वह 21 मई तक पहले की मात्रा में ही जल आपूर्ति करता रहे। यानी राज्य सोमवार के बाद जल आपूर्ति कम कर सकता है।’’ मुख्यमंत्री ने कहा, ”अगर ऐसा हुआ तो इससे दिल्ली में ”पानी की बेहद कमी’’ हो जाएगी और कानून व्यवस्था की ”गंभीर’’ समस्या उत्पन्न हो जायेगी।” केजरीवाल ने पत्र में लिखा, ”मैं आपसे (प्रधानमंत्री से) अनुरोध करता हूं कि कृपया आप अपने अधिकार का इस्तेमाल करते हुए हरियाणा को पहले की तरह समान मात्रा में जल आपूर्ति के लिये कहें, जितना वह पिछले 22 वर्ष से आपूर्ति कर रहा है और जब तक इस मुद्दे पर अदालत का अंतिम फैसला नहीं आ जाता तब तक वह इसे बाधित नहीं करे।’’
हरियाणा सरकार ने बुधवार को उच्चतम न्यायालय को बताया कि वह 21 मई तक दिल्ली के लिये यमुना नदी जल आपूर्ति पर यथास्थिति बनाये रखेगी। सर्वोच्च न्यायालय ने दिल्ली सरकार एवं दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) से कहा था कि वे हरियाणा सरकार से जल आपूर्ति पर यथास्थिति बनाये रखने का अनुरोध करें और हरियाणा को निर्देश दिया कि वह इस मामले में स्वतंत्र निर्णय ले।
मुख्यमंत्री ने उपराज्यपाल अनिल बैजल को भी पत्र लिखकर कहा है, ”सिर्फ दो दिन बचे हैं। इस संकट से बचने के लिये हमें तुरंत कार्रवाई की आवश्यकता है।’’ उन्होंने बैजल से अनुरोध किया कि अगर हरियाणा की ओर से कोई जवाब नहीं आता तो वह प्रधानमंत्री से बात कर मामले में उनकी दखल की मांग करें। केजरीवाल ने गुरुवार को हरियाणा में अपने समकक्ष मनोरह लाल खट्टर एवं उपराज्यपाल को इस मुद्दे पर पत्र लिखा था।