नयी दिल्ली। बांग्लादेश और भारत में महिलाएं नेपाल की महिलाओं की तुलना में अपने पतियों की हिंसा का अधिक शिकार होती है। एक नई रिपोर्ट से यह जानकारी मिली है। गटमैचर लांसेट कमीशन की यौन, प्रजनन स्वास्थ्य एवं अधिकार रिपोर्ट के अनुसार भारत 13 एशियाई एवं मध्य पूर्वी देशों में महिलाओं पर पतियों द्वारा की जा रही हिंसा के मामले में दूसरे स्थान पर है।
रिपोर्ट के अनुसार बांग्लादेश इस मामले में पहले स्थान पर है तथा सिंगापुर अंतिम पायदान पर है। रिपोर्ट में बतया गया है कि भारत के मुकाबले नेपाल में महिलाएं पतियों द्वारा की जाने हिंसा का कम शिकार होती है। वहीं पाकिस्तान की स्थिति भी भारत से अच्छी बताई गई है, लेकिन इस देश का सिर्फ पिछले 12 महीने का आंकड़ा ही शामिल किया गया है।
महिलाओं के खिलाफ हिंसा के कई रूपों को इस रिपोर्ट में शामिल किया गया है। इसमें शारीरिक, यौन उत्पीड़न, मानसिक और महिला विरोधी कई प्रथाओं को जगह दी गई है। सतत विकास लक्ष्य के पांचवें लक्ष्य में महिलाओं के खिलाफ हिंसा, बाल विवाह, जबरन विवाह सहित सभी नुकसानदायक प्रथाओं को 2030 तक खत्म करने का लक्ष्य है। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि 1971 में भारत में व्यापक मापदंड के अनुसार गर्भपात कानून में संशोधन किया गया था लेकिन 2015 तक ज्यादातर गर्भपातों में कानूनी मापदंडों की जरूरतों को ध्यान में नहीं रखा गया।