बंदर मामा

asiakhabar.com | May 16, 2018 | 5:21 pm IST
View Details
नाना बन गया हूं अब मैं 
खोंखों कर बोले बंदर मामा 
 
नाना ही कहना सब मुझको 
न कहना अब मुझको मामा 
 
नहीं चढ़ सकता अब वृक्षों पर 
दिन भर दुखी सा रहता हूं 
 
कोई ला दे खाना बिस्तर पर 
बस यही सोचता रहता हूं 
 
आई बंदरिया घूंघट भी ओढ़े  
बोली कुछ शर्म करो जी तुम
 
दिन भर पसरते हो निखट्टू 
कुछ तो काम करो भी तुम
 
खाने को कुछ मिलता नहीं है
कोशिश तो मैं भी करता हूं
 
इंसानों ने सब उजाड़ा हमारा
बस अब तो उदास रहता हूं 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *