कंसास। भारतीय इंजीनियर श्रीनिवास कुचिभोटला की हत्या के मामले में पूर्व अमेरिकी नौसेनिक एडम डब्लू पुरिंटन को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। नस्लीय हिंसा के मामले में 52 वर्षीय एडम को इसी साल मार्च में दोषी ठहराया गया था। सैन्य अधिकारी पर कुचिभोटला की हत्या और दो लोगों की हत्या करने की कोशिश का आरोप था।
तेलंगाना के निवासी श्रीनिवास कुचिभोटला की पिछले साल फरवरी में उस वक्त हत्या कर दी गई थी, जब वह अपने दोस्त के साथ ओलाथे शहर के एक बार में थे। एडम गोली मारते हुए चिल्ला रहा था ‘मेरे देश से बाहर चले जाओ’। गोलीबारी में श्रीनिवास के दोस्त आलोक मदसानी और एक अन्य शख्स ईयान ग्रिलट घायल हो गए थे।
श्रीनिवास और आलोक मदसानी ओलाथे में जीपीएस बनाने वाली कंपनी गार्मिन के एविएशन विंग में काम करते थे। बार में एडम नस्ली टिप्पणी करने लगा। उसने दोनों को आतंकी कहते हुए बोला कि मेरे देश से निकल जाओ, तुम मेरे देश में क्यों आए हो? तुम हमसे बेहतर कैसे हो? बहस के बाद एडम को बार से निकाल दिया गया।
थोड़ी ही देर में वह गन लेकर लौटा और दोनों पर गोली चला दी थी। इसमें श्रीनिवास की मौत हो गई और मदसानी जख्मी हो गए थे। श्रीनिवास की हत्या पर भारत ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी और इंसाफ की मांग की थी। कुचिभोटला की पत्नी सुनैना दुमाला ने कंसास की संघीय अदालत के फैसले का स्वागत किया है।उन्होंने कहा कि मेरे पति की हत्या के मामले में सजा हुई है। वह लौट नहीं सकते, लेकिन इस फैसले से नस्लीय हिंसा करने वालों को कड़ा संदेश जाएगा कि यह स्वीकार्य नहीं है। सुनैना ने कहा कि मैं इस व्यक्ति को कानून के दायरे में लाने के लिए जिला अटॉर्नी कार्यालय और ओलाथे पुलिस का शुक्रिया अदा चाहती हूं।