नयी दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने आज कहा कि कसौली में अवैध निर्माण गिराने के अभियान के दौरान एक स्थानीय होटल के मालिक द्वारा एक महिला अधिकारी को कथित रूप से गोली मारने की घटना कानूनों पर अमल नहीं करने का परिणाम है। न्यायालय ने इस महिला अधिकारी की मृत्यु को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। शीर्ष अदालत ने इस घटना की जांच की प्रगति रिपोर्ट तलब करते हुये हिमाचल प्रदेश सरकार को उन उपायों के बारे में अवगत कराने का निर्देश दिया जिनसे यह सुनिश्चित किया जा सके कि समूचे राज्य में कोई अवैध निर्माण नहीं हो।
न्यायमूर्ति मदन बी लोकूर और न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की पीठ ने राज्य सरकार को कसौली में 13 होटलों में अवैध निर्माण गिराने के शीर्ष अदालत के आदेश पर अमल की स्थिति से भी उसे अवगत कराने का निर्देश दिया है। पीठ ने राज्य सरकार के वकील से कहा, ‘यह मौत न्यायालय के आदेश का नतीजा नहीं थी। यह कानूनों पर अमल न करने का नतीजा है। यह घटना बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है। आपको कानून का शासन और अवैध निर्माणों से संबंधित कानूनों पर अमल सुनिश्चित करना होगा।’
शीर्ष अदालत ने राज्य सरकार को सारे विवरण के साथ हलफनामा दाखिल करने का निर्देश देते हुये इस मामले को अब नौ मई के लिये सूचीबद्ध कर दिया। राज्य सरकार को शीर्ष अदालत ने 17 अप्रैल को कसौली और सोलन के धरमपुर इलाके में अनेक होटलों और गेस्ट हाउस में किये गये अवैध निर्माण गिराने का आदेश दिया था। इस काम को करने के लिये प्राधिकारियों ने चार टीमें गठित की थीं।
सहायक नगर और कंट्री नियोजक शैल बाला शर्मा भी ऐसे ही एक दल में शामिल थीं। वह एक मई को कसौली के नारायणी गेस्ट हाउस में अवैध निर्माण गिराने की कार्यवाही की निगरानी करने गयी थीं जहां इस भवन के मालिक विजय सिंह ने कथित रूप से उन्हें गोली मार दी थी। इस अधिकारी की बाद में मृत्यु हो गयी थी।