सोल। प्योंगयोंग की सरकारी मीडिया ने कहा कि उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग-उन और दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति मून जेई – इन के बीच हुई अंतर-कोरियाई ‘ऐतिहासिक’ शिखर वार्ता ने एक नए युग के लिए मार्ग प्रशस्त किया है। उत्तर कोरिया की आधिकारिक समाचार एजेंसी ‘केसीएनए’ ने कहा ‘ऐतिहासिक वार्ता ने राष्ट्रीय सुलह, एकता, शांति एवं समृद्धि के एक नए युग की शुरूआत की है।’
दस्तावेजों में दोनों नेताओं ने इस बात की पुष्टि की कि परमाणु मुक्त कोरियाई प्रायद्वीप का साझा लक्ष्य पूर्ण परमाणु निरस्त्रीकरण के जरिए ही पूरा हो सकता है। प्योंगयांग कई वर्षों से इस बात पर जोर देता रहा है कि वह परमाणु हथियारों का अपना ‘खजाना’ नहीं छोड़ेगा। उसका कहना है कि उसे अमेरिकी आक्रमण से निपटने के लिए इसकी आवश्यकता है।
दक्षिण कोरिया के अनुसार सुरक्षा की गारंटी देने पर वह इस पर बातचीत को तैयार है। हालांकि किम ने कल हुई शिखर वार्ता में सार्वजनिक तौर पर इसका कोई जिक्र नहीं किया। कोरिया युद्ध के बाद कोरियाई देशों को बांटने वाली सैन्य सीमा पार कर दक्षिण जाने वाले किम पहले नेता हैं। शिखर वार्ता के लिए पनमुंजम की युद्धविराम संधि के अधीन आने वाले गांव के दक्षिणी किनारे पर स्थित ‘पीस हाउस बिल्डिंग’ में दाखिल होने से पहले किम के आमंत्रण पर दोनों नेता एक साथ उत्तर कोरिया में दाखिल हुए थे।