बर्लिन। जर्मनी के विदेश मंत्री हाइको मास ने कहा कि सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल असद के पद से हटने के बाद ही सीरियाई संकट का समाधान होगा। जर्मनी के विदेश मंत्री का यह बयान ऐसे समय में आया है, जबकि वह पहले ही कह चुका है कि अमेरिका के नेतृत्व में सीरिया पर हवाई हमलों में जर्मनी शामिल नहीं था।
चांसलर एंजेला मर्केल (सीडीयू) के आधिकारिक प्रवक्ता स्टेफन सेबर्ट ने कहा कि सीरियाई संघर्ष का दीर्घकालीन समाधान असद के बिना ही संभव है। गौरतलब है कि शनिवार को अमेरिका, फ्रांस और ब्रिटेन ने संयुक्त रूप से सीरिया के सैन्य ठिकानों पर हवाई हमले किए थे।
सीरियाई सेना द्वारा डौमा में कथित रासायनिक हमले पर प्रतिक्रियास्वरूप यह संयुक्त कार्रवाई की गई। हालांकि, सीरिया सरकार ने इन आरोपों का खंडन किया है।
कथित रासायनिक हमले की जांच होगी
सीरिया में रासायनिक हथियार जांचकर्ताओं को जांच के लिए डौमा जाने की मंजूरी मिल गई है। सीरिया के डौमा में ही कथित तौर पर रासायनिक हमला किया गया था। सीरियाई उप विदेश मंत्री फैजल मेकदाद ने कहा कि सीरियाई सरकार रासायनिक हथियारों के निषेध (ओपीसीडब्ल्यू) के सीरिया में रासायनिक हथियारों की जांच के साथ सहयोग करेगी और जांच दल के काम के लिए सभी आवश्यक सुविधाएं प्रदान करेगी।
सीरियाई सरकार के निमंत्रण पर ओपीसीडब्ल्यू का जांच दल तीन दिन पहले दमिश्क पहुंचा और सीरियाई सरकार के साथ कई बैठकें की गई। दोनों पक्षों ने उचित, पारदर्शी, सटीक जांच करने पर चर्चा की। मेकदाद ने कहा कि सीरियाई सरकार जांच दल को पूरा सहयोग देगी, लेकिन उन्होंने जांच की प्रगति के बारे में कुछ भी नहीं बताया।