संयुक्त राष्ट्र। सीरिया में कथित रासायनिक हथियार हमले को लेकर संयुक्त राष्ट्र (यूएन) सुरक्षा परिषद में तीन प्रस्ताव मंगलवार को पास नहीं हो सके। ये प्रस्ताव हमले की जांच से संबंधित थे। सुरक्षा परिषद को जांच के अधिकार को लेकर विश्व संगठन में तकरार चलती रही। जबकि रासायनिक हथियार प्रतिबंध संगठन (ओपीसीडब्ल्यू) ने जांच के लिए अपना दल सीरिया के डोउमा में भेज दिया है।
डोउमा में शनिवार को कथित रासायनिक हमले हुए थे। अमेरिका और उसके समर्थकों के पहले प्रस्ताव पर रूस ने वीटो कर दिया। प्रस्ताव में एक साल के लिए नई स्वतंत्र जांच तंत्र और रासायनिक हथियार के इस्तेमाल के दोषी की पहचान की बात कही की गई थी। इस प्रस्ताव के पक्ष में 12 और विपक्ष दो मत पड़े। जबकि अगले दो प्रस्ताव रूस ने पेश ने किए जिन्हें बहुमत नहीं मिला। रूस के पहले प्रस्ताव में भी स्वतंत्र जांच तंत्र की बात कही गई थी लेकिन साथ ही ओपीसीडब्ल्यू के डाटा और सीरिया सरकार द्वारा दी गई सूचना को शामिल करने की जरूरत बताई गई।
इस प्रस्ताव के पक्ष में छह और विपक्ष में सात ने मतदान किया। रूस द्वारा पेश तीसरे प्रस्ताव में ओपीसीडब्ल्यू जांच दल के काम से जुड़ा था। इसके पक्ष में पांच और विपक्ष में चार वोट मिले। छह सदस्यों ने मतदान में हिस्सा नहीं लिया। यूएन में अमेरिका की राजदूत निक्की हेली ने रूस के वीटो की निंदा की। उन्होंने कहा कि इतिहास यह दिन याद रखेगा, रूस ने सीरिया के लोगों की जान बचाने के बदले राक्षस का बचाव किया।
रूस के राजदूत वेसिली नेबेनजिया ने आरोप लगाया कि अमेरिका ने जानबूझकर ऐसा प्रस्ताव रखा जो पास नहीं होगा और उसे सीरिया पर हमला करने का बहाना मिल जाएगा। उन्होंने हेली को संबोधित करते हुए कहा कि सीरिया के लिए बनाई जा रही मौजूदा योजना से बचें।
अमेरिका की हमले की तैयारी
बताया जाता है अमेरिका सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल-असद के ठिकानों पर हमले की तैयारी कर रहा है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पेरू की राजधानी लीमा का दौरा रद कर दिया है। उन्हें लीमा में अमेरिका शिखर सम्मेलन हिस्सा लेना था। ट्रंप ने मंगलवार को अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन और रक्षा अधिकारियों के साथ बैठक की। उन्होंने सीरिया पर हमले की तैयारी को लेकर ब्रिटेन की प्रधानमंत्री टेरीजा मे से भी बातचीत की।