नई दिल्ली। अयोध्या राम जन्मभूमि विवाद पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई फिर शुरू हो गई है। सुप्रीम कोर्ट इस मामले में 2010 के इलाहाबाद हाइ कोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए दायर किये गए 13 अपील पर सुनवाई कर रही है। इस दौरान सर्वोच्च न्यायालय के चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा वाली तीन जजों की बेंच ने कहा कि वो तय करेगी कि यह केस 5 जजों की बेंच को भेजा जाए या नहीं, लेकिन इससे पहले वो दोनों पक्षों को सुनेगी।
इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने अयोध्या में विवादित स्थल के तीन तरह के विभाजन को अनिवार्य किये जाने का फैसला सुनाया था।
शीर्ष कोर्ट ने इसके पहले मामले में 32 हस्तक्षेप याचिका को खारिज कर दिया था इसमें श्याम बेनेगल, अपर्णा सेन और तीस्ता सेतलावद की याचिका भी शामिल थी। इसके पहले की सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता में अशोक भूषण, अब्दुल नजीर की न्यायिक पीठ ने अयोध्या मामले में किसी भी तरह के हस्तक्षेप आवेदन को स्वीकार करने से मना कर दिया था। शीर्ष अदालत ने भाजपा नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी के हस्तक्षेप की याचिका को भी खारिज कर दिया था।
आपको बता दें कि 1528 में अयोध्या मामले में हिंदू कारसेवकों ने दावा किया है कि वहां मूल रूप से राम मंदिर का निर्माण किया गया था।