मल्टीमीडिया डेस्क। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में कई गेंदबाज अपनी सटीक गेंदबाजी के लिए जाने जाते हैं। रमेशचंद्र गंगाराम नाडकर्णी का नाम लिया जाए तो शायद ही कोई क्रिकेट फैन उन्हें पहचान पाएगा, लेकिन बापू नाडकर्णी का नाम लेते ही दुनियाभर के फैंस उन्हें पहचान लेंगे। भारत ही नहीं, वरन दुनियाभर के सबसे किफायती गेंदबाजों में से एक बापू नाडकर्णी का आज (4 अप्रैल को) 85वां जन्मदिन है।
बाएं हाथ के स्पिनर बापू को इतनी महारत हासिल थी कि वे पिच पर गुडलेंथ स्पॉट पर सिक्का रखकर लगातार कई गेंदों को उस पर टप्पा खिलाते थे। उनके सामने बल्लेबाज रन बनाने की कम विकेट बचाने के बारे में ज्यादा सोचते थे, यहीं वजह थी कि उनकी गेंदबाजी पर रन यदाकदा ही बनते थे। 1964 में इंग्लैंड के खिलाफ चेन्नई (तत्कालीन मद्रास) टेस्ट में तो उन्होंने लगातार 131 गेंद (21 ओवर से ज्यादा) मेडन डाली थी यह विश्व रिकॉर्ड अभी भी कायम है। 12 जनवरी का वह ऐतिहासिक दिन था और जब केन बेरिंगटन और ब्रायन बोलस के सामने इस भारतीय स्पिनर ने यह इतिहास रचा था। इस टेस्ट पारी में बापू ने 32 ओवर गेंदबाजी कर 27 ओवर मेडन डालते हुए सिर्फ 5 रन दिए थे।
ऐसा नहीं है कि बापू सिर्फ एशिया के बाहर की टीमों के खिलाफ किफायती गेंदबाज करते थे, पाकिस्तान के खिलाफ भी उनका रिकॉर्ड शानदार था। 1960-61 में पाक के खिलाफ कानपुर में उनका गेंदबाजी विश्लेषण था 32-24-24-0 और दिल्ली में वे 34-24-24-1 के गेंदबाजी विश्लेषण के साथ वापस लौटे थे।
बापू ने अपने 41 टेस्ट मैचों के करियर में मात्र 1.67 के इकानॉमी रेट के साथ रन खर्च करते हुए 88 विकेट लिए थे। ऐसा नहीं था कि बापू सिर्फ एक किफायती गेंदबाज थे, वो एक उम्दा फील्डर और उपयोगी बल्लेबाज भी थे। उन्होंने 1963-64 में इंग्लैंड के खिलाफ कानपुर टेस्ट में नाबाद शतक (122) लगाकर भारत को मैच बचाने में मदद की थी।