नई दिल्ली। कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) के 8.38 करोड़ खातों में जन्म की तारीख का उल्लेख नहीं है, जबकि 11.07 करोड़ खातों में कर्मचारियों के पिता का नाम नदारद है। सरकार की ओर से सोमवार को यह जानकारी दी गई। श्रम मंत्री संतोष गंगवार ने एक सवाल के लिखित जवाब में लोकसभा में बताया कि ईपीएफ के करोड़ों खातों में जन्म की तारीख जैसे कई महत्वपूर्ण रिकॉर्ड नहीं हैं।
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) की तरफ से जारी बयान के मुताबिक 8,38,04,469 सदस्यों के खाते में जन्म तिथि का उल्लेख नहीं है। इसके अलावा 7.83 करोड़ सदस्यों के नौकरी शुरू करने की तारीख का रिकॉर्ड भी उपलब्ध नहीं है।बहरहाल, श्रम मंत्री ने संसद के निचले सदन को यह भी बताया कि ईपीएफ के सभी सदस्यों से जुड़ी तमाम जानकारियां रिकॉर्ड में रखने का काम नियमित रूप से जारी रहता है।
19 करोड़ से ज्यादा सदस्य
उपलब्ध जानकारी के मुताबिक ईपीएफओ के 19 करोड़ से ज्यादा सदस्य हैं। इसमें वैसे खाते भी शामिल हैं, जिनके धारक रिटायर हो चुके हैं और जिन्होंने अपने-अपने दावों का निपटारा कर लिया है। फिलहाल संगठन के ऐसे सदस्यों की तादाद 5 करोड़ से ज्यादा है, जो नियमित रूप से अपने-अपने खातों में अंशदान कर रहे हैं।
15 फीसदी निवेश ईटीएफ में
गंगवार ने एक अलग जवाब में जानकारी दी कि ईपीएफओ की तरफ से ईटीएफ (एक्सचेंज ट्रेडेड फंड) में निवेश की शुरुआत अगस्त, 2015 में हुई थी और दिसंबर, 2017 तक संगठन की तरफ से ईटीएफ में निवेश की गई कुल रकम 37,667.58 करोड़ रुपए थी। अब तक ईपीएफओ के निवेश योग्य कुल फंड की 15 फीसदी रकम का निवेश ईटीएफ में किया जा चुका है।