नई दिल्ली। इराक में आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट द्वारा मारे गए 39 भारतीयों के परिवारवालों को केंद्र सरकार ने दस लाख की सहायता राशि देने का ऐलान किया है।
केंद्र की मोदी सरकार का ये फैसला पंजाब के कांग्रेस सांसदों के विरोध के बाद आया है। कांग्रेस सांसदों ने इराक के बदुश गांव में मारे गए भारतीय मजदूरों के परिवार वालों को आर्थिक मदद देने की मांग की थी। इसे लेकर सांसदों ने संसद में भी नारेबाजी करते हुए आर्थिक मदद देने की मांग की थी।इससे पहले विदेश राज्य मंत्री वीके सिंह इन भारतीयों के पार्थिव शरीर लेने इराक गए थे। सबसे पहले वो अमृतसर पहुंचे और वहां 27 मजदूरों के शव उनके परिवार वालों को सौंपे। हालांकि इस दौरान जब उनसे सहायता राशि और मरने वालों के परिजनों को नौकरी देने का सवाल पूछा गया तो वो भड़क गए और विवादास्पद बयान दे दिया। उन्होंने कहा कि, “ये बिस्कुट बांटने का काम नहीं है कि जो आनन-फानन में हो जाए।”विदेश राज्य मंत्री जनरल वीके सिंह का बयान आते ही कांग्रेस ने उस पर कड़ी आपत्ति जताई थी। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि, “वीके सिंह का ये बयान अपनों को खो चुके लोगों के घावों पर नमक छिड़कने जैसा है। एक तरफ तो सरकार उन्हें जिंदा वापस नहीं ले पाई और अब उनके मंत्री परिजनों को लेकर ऐसे बयान दे रहे हैं। “